राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (एनसीएलटी) ने मेट्रो टायर्स की याचिका पर हीरो इलेक्ट्रिक के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया है। मेट्रो टायर्स ने हीरो इलेक्ट्रिक के खिलाफ 1.85 करोड़ रुपये की भुगतान चूक का दावा करने वाली याचिका दायर की थी।
ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवाला संहिता (आईबीसी) के प्रावधानों के अनुरूप एनसीएलटी ने हीरो इलेक्ट्रिक के निदेशक मंडल को निलंबित करने के बाद कंपनी के संचालन के लिए भूपेश गुप्ता को अंतरिम समाधान पेशेवर नियुक्त किया है।
एनसीएलटी के दिल्ली पीठ ने परिचालन ऋणदाता के साथ पहले से चल रहे विवाद पर हीरो इलेक्ट्रिक की दलीलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह कोरी झूठी या कमजोर कानूनी दलील नहीं है। मेट्रो टायर्स की याचिका पर हीरो इलेक्ट्रिक की तरफ से उठाई गईं आपत्तियां ‘कानूनी रूप से मान्य’ नहीं पाई गईं। कंपनी को टायर और ट्यूब की आपूर्ति करने वाली मेट्रो टायर्स ने इन्हें विधिवत नकार दिया है।
एनसीएलटी ने कहा, मौजूदा तथ्यों और परिस्थितियों में हमारा मानना है कि कॉरपोरेट देनदार पहले से विवाद होने के बारे में कोई उचित तर्क नहीं दे पाया है। लिहाजा आईबीसी, 2016 की धारा नौ के तहत दायर की गई वर्तमान याचिका को स्वीकार किया जाना चाहिए।