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मजबूत स्थिति के दुरुपयोग को लेकर बड़ी टेक कंपनियों पर होगा फैसला

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रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- June 05, 2023 | 12:20 AM IST

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) मजबूत स्थिति के दुरुपयोग को लेकर ऐपल इंक के खिलाफ जांच को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है। आयोग की बैठक में जल्द ही नई चेयरपर्सन रवनीत कौर व अन्य सदस्य इस मसले पर विचार करेंगे। साथ ही बड़ी टेक कंपनियों के खिलाफ लंबित पड़े कुछ अन्य मामलों पर भी विचार किया जाएगा। इस मामले से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी। ऐपल इंक ने इस मसले पर कुछ भी प्रतिक्रिया देने से इनकार किया है।

मिल रही जानकारी के मुताबिक मेटा, स्विगी और जोमैटो, गूगल और न्यूज पब्लिशर्स की याचिका से जुड़े मामलों की जांच भी अंतिम अवस्था में है।

सीआईआई में कोरम न पूरा होने के कारण इन मसलों पर पिछले कुछ महीने से कोई फैसला नहीं हो रहा था। बहरहाल सीसीआई में कौर की नियुक्ति के बाद अब आयोग फैसले करने में सक्षम है। सीसीआई ने एक ट्वीट में कहा, ‘सामान्य बैठक में इन मामलों को सूचीबद्ध किया गया है और सुनवाई जल्द ही बहाल की जाएगी।’

प्रतिस्पर्धा पर नजर रखने वाले आयोग ने आईफोन बनाने वाली कंपनी के खिलाफ एंटीट्रस्ट कानूनों के उल्लंघन की जांच शुरू की थी, जिसमें संभावित ऐप डेवलपरों और डिस्ट्रीब्यूटरों के लिए बाजार तक पहुंच न होने देना शामिल है।

दबदबे वाली स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए गूगल पर 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के साथ सीसीआई ने अक्टूबर 2022 के आदेश में ऐपल आईओएस सिस्टम के बारे में कुछ टिप्पणियां की थी, जिसके खिलाफ भी इसी तरह के आरोप हैं।

सीसीआई ने कहा है कि गूगल के प्ले स्टोर और ऐपल के ऐप स्टोर को विकल्प के रूप में नहीं देखा जा सकता। आयोग ने आगे कहा कि ऐपल का ऐप स्टोर ऐप डेवलपरों के लिए आईओएस उपभोक्ताओं को अपने ऐप देने का एकमात्र माध्यम है, जो पहले से हर आईफोन और आईपैड में इंस्टाल होता है।

सीसीआई के आदेश में गूगल के शिकायतकर्ता ‘टुगेदर वी फाइट सोसाइटी’ का भी उल्लेख किया गया था, जिसमें कहा गया था कि ऐपल द्वारा भुगतान वाली डिजिटल सामग्री के डिस्ट्रीब्यूशन पर 30 प्रतिशत इन ऐप शुल्क लगाने और अन्य प्रतिबंध लगाने से डेवलपरों और ग्राहकों के लिए लागत बढ़ती है और इससे प्रतिस्पर्धा को नुकसान होता है। साथ ही बाजार में प्रवेश के लिए यह बाधा का काम करता है।

प्रतिस्पर्धा आयोग ने व्हाट्सऐप और उसकी मूल कंपनी मेटा (जिसे पहले फेसबुक कहा जाता था) के खिलाफ भी एक जांच की पहल की है। यह 2021 में व्हाट्सऐप द्वारा पेश निजता नीति को लेकर है, इसका प्रतिस्पर्धा पर बुरा असर पड़ने को लेकर चिंता है। अक्टूबर 2022 में सीसीआई की जांच को चुनौती देने वाली व्हाट्सऐप, मेटा की याचिका खारिज कर दी थी।

बड़ी टेक जांचों में कुछ समाचार संगठनों की याचिका पर सुनवाई की भी उम्मीद है, जिन्होंने गूगल पर मजबूत स्थिति के दुरुपयोग का आरोप लगाया है।

First Published : June 5, 2023 | 12:20 AM IST