क्रिप्टो करेंसी क्षेत्र की वैश्विक दिग्गज बाइनैंस ने संकटग्रस्त क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स पर साइबर हमले से उत्पन्न किसी भी तरह की देनदारी से खुद को दूर कर लिया है। कुछ सप्ताह पहले एक अन्य वॉलेट सेवा प्रदाता लिमिनल कस्टडी ने भी इस सेंधमारी का दोष देसी क्रिप्टो एक्सचेंज पर मढ़ा था।
एक ब्लॉग में बाइनैंस ने स्पष्ट किया कि कंपनी के पास देश में वजीरएक्स का स्वामित्व या संचालन नहीं है। उसने यह भी कहा कि संकटग्रस्त क्रिप्टो एक्सचेंज के खिलाफ किए गए दावों के लिए कंपनी के देनदार होने का कोई कानूनी आधार नहीं है। उसने वजीरएक्स के इस दावे का खंडन किया कि वैश्विक एक्सचेंज के पास कंपनी का स्वामित्व है, साथ ही कहा कि वह इस प्लेटफॉर्म का संचालन नहीं करता है।
क्रिप्टो प्लेटफॉर्म ने कहा, ‘हालांकि पक्षकारों के बीच एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे, लेकिन जेटाई द्वारा अपने दायित्वों को पूरा करने में विफल रहने की वजह से प्रस्तावित लेनदेन कभी पूरा नहीं हुआ। बाइनैंस ने कभी भी वजीरएक्स का स्वामित्व, नियंत्रण या संचालन नहीं किया है, जिसमें कथित हैक से पहले, उसके दौरान या उसके बाद का समय भी शामिल है।’
जेटाई भारत में क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स का संचालन करती है। जुलाई में कंपनी में सुरक्षा उल्लंघन के परिणामस्वरूप 23 करोड़ डॉलर से अधिक की चोरी हुई थी। यह इस प्लेटफॉम की डिजिटल संपत्तियों का लगभग आधा हिस्सा थी।
साल 2019 में वैश्विक क्रिप्टो प्लेटफॉर्म ने ऐलान किया था कि उसने वजीरएक्स का अधिग्रहण कर लिया है। हालांकि बाद में उसने कहा कि यह अधिग्रहण वजीरएक्स की कुछ संपत्तियों और बौद्धिक संपदा की खरीद के समझौते तक सीमित था।