किसी कंपनी के लिए 24 साल का वक्त कोई लंबा वक्त नहीं होता है। जापान की कंस्ट्रक्शन कंपनी कॉन्गो गुमी 1446 साल पुरानी है। लेकिन अगर आप एक भारतीय इंटरनेट आधारित कंपनी हैं जिसकी शुरुआत डॉट कॉम के बुलबुले के दौरान हुई थी तब आपके लिए 24 साल एक लंबा वक्त लग सकता है क्योंकि इसके बाद आर्थिक मंदी का दौर आया और वैश्विक आर्थिक संकट के साथ कोविड जैसी महामारी का सामना करना पड़ा।
मेकमाई ट्रिप इन सभी दौर से गुजरी। इसकी शुरुआत एक अंतरराष्ट्रीय कारोबार के तौर पर हुई और इसका प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) अमेरिका के नैस्डैक पर सूचीबद्ध हुई जो तकनीकी कंपनियों के शेयर के लिए जानी जाती है। ऐसा वर्ष 2010 में हुआ जब कोई सामान्य भारतीय माता-पिता को इस बात पर बड़ा झटका लग सकता था कि उनका बच्चा एक स्टार्टअप से जुड़ रहा है।
नई दिल्ली में बिज़नेस स्टैंडर्ड के मंथन कार्यक्रम में मेकमाई ट्रिप के सह संस्थापक और समूह सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) राजेश मागो ने कहा, ’24 साल कोई लंबा वक्त नहीं होता है। लेकिन एक युवा स्टार्टअप के लिए दो दशक एक लंबा वक्त होता है। एक सबक यह है कि जो लोग कोई कारोबार शुरू करने के बारे में सोच रहे हैं, वे तीन साल, पांच साल, 10 साल या 20 साल के बारे में नहीं सोच सकते हैं। आपका लंबी अवधि का नजरिया होना चाहिए।’
लेकिन तीन साल, पांच साल या सात साल का नजरिया भी सही है लेकिन यह निवेशकों के नजरिये से होना चाहिए। मागो ने कहा, ‘यह उद्यमियों या संस्थापक टीम के लिए नहीं है।’ऐसे में सवाल यह है कि मेकमाई ट्रिप के लिए प्रेरणास्रोत क्या रहा क्योंकि कई स्टार्टअप जो बाद में शुरू हुए, वे अपनी राह पर गुम हो गए?
मागो ने कहा, ‘हमारी कंपनी के शुरुआती पांच वर्षों के दौरान एक बात प्रेरणास्रोत की तरह रहा कि हमने अपने विचार के साथ-साथ उस समस्या पर भी भरोसा किया जिसका हल करने के बारे में हम सोच रहे थे और हमने अपने मॉडल पर भी भरोसा किया।’