भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) की ब्रॉडबैंड संबंधी परियोजना नेशनल इंटरनेट बैकबोन (एनआईबी-2) विलंब के कारण खटाई में पड़ती दिख रही है।
बीएसएनएल ने इसके लिए अपनी विक्रेता इकाई टेलीकम्युनिकेशंस कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड (टीसीआईएल) को जिम्मेदार ठहराया है।टीसीआईएल की अगुवाई वाला समूह समय पर उपकरण की आपूर्ति करने में विफल रहा जिससे इसमें 8 महीने का विलंब हुआ।
योजना में इस विलंब का असर पीएसयू की ब्रॉडबैंड योजनाओं पर पड़ेगा। कंपनी ने 6 लाख उपभोक्ताओं को सेवा के दायरे में लाने के लिए 200 शहरों में अपना ब्रॉडबैंड नेटवर्क शुरू करने की योजना बनाई थी। कंपनी ने एनआईबी के जरिये वॉयस, डाटा और वीडियो मुहैया कराने के लिए मल्टी-गीगाबाइट, मल्टी-प्रोटोकॉल इंटरनेट प्रोटोकॉल इन्फ्रास्ट्रक्चर तैनात करने की योजना बनाई थी।
बीएसएनएल ने इस परियोजना के संबंध में विक्रेताओं को कई पत्र लिखे थे जिनमें इसका जिक्र किया गया था कि परियोजना पर हो रही प्रगति संतोषजनक नहीं है और विक्रेताओं से प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा गया था।इस प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि इंटरनेट लीज्ड लाइन, मल्टी-प्रोटोकॉल लेबल स्विचिंग (एमपीएलएस) वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क, प्री-पेड (डायल-अप) समेत अन्य सेवाओं को तय तिथि पर शुरू नहीं किया गया।
आईटी क्षेत्र की वैश्विक कंपनी आईबीएम, सुरक्षा समाधान मुहैया कराने वाली साइमेंतक और सॉफ्टवेयर एप्लीकेशंस एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी ओपनवेव 120 करोड़ रुपये की पूंजी वाली एनआईबी-2 परियोजना में टीसीआईएल की भागीदार हैं।
आईबीएम स्टोरेज उपकरण और एंटरप्राइज मैनेजमेंट सिस्टम मॉडयूल (रिस्क मैनेजर, तिवोली सर्विस लेवल एडवायजर, तिवोली एंटरप्राइज टाटावेयर हाउस, तिवोली बिजनेस सिस्टम मैनेजर ) मुहैया कराती है वहीं साइमेंतक एंटी-एब्यूज और सिक्युरिटी सिस्टम्स और टीसीआईएल वैलीडेशन एवं डेप्लॉयमेंट से संबद्ध हैं।टीसीआईएल के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने यह स्वीकार किया है कि सेवाओं को शुरू किए जाने में विलंब हुआ।
उन्होंने कहा कि इस परियोजना का लगभग 80 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। वैसे, उपकरणों का क्रियान्वयन और प्रमाणन अभी बाकी है जिसे हम जल्द से जल्द पूरा करना चाहते हैं।आईबीएम ने इस विलंब की जिम्मेदारी नहीं ली है। आईबीएम कहती है कि परियोजना में उसकी ओर से विलंब नहीं हुआ। वह इसके लिए जिम्मेदार नहीं है।