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CCI ने निगरानी एजेंसियों की सेवाएं लेने के संबंध में जारी किए मसौदा दिशानिर्देश

हाल में प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम में हुए बदलावों से तालमेल बैठाने के लिए सीसीआई ने निगरानी एजेंसियों की सेवाएं लेने की पहल की है।

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रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- June 06, 2024 | 10:35 PM IST

भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (CCI) ने निगरानी एजेंसियों की सेवाएं लेने के संबंध में मसौदा दिशानिर्देश जारी किए हैं। इस मसौदा दिशानिर्देश के तहत बड़ी तकनीकी इकाइयों सहित कंपनियों की तरफ से समाधान एवं प्रतिबद्धता (सेटलमेंट ऐंड कमिटमेंट) पेशकश के क्रियान्वयन पर नजर रखने के लिए निगरानी एजेंसियों की सेवाएं लेने का प्रस्ताव है।

गुरुवार को जारी इस दिशानिर्देश में 2009 में सीसीआई के तैयार नियामकीय ढांचे में बदलाव करने की बात कही गई है। हाल में प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम में हुए बदलावों से तालमेल बैठाने के लिए सीसीआई ने निगरानी एजेंसियों की सेवाएं लेने की पहल की है। सरकार ने अप्रैल 2023 में प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम पारित किया था।

प्रस्तावित दिशानिर्देश में कहा गया है, ‘जिन मामलों में सीसीआई को लगता है कि धारा 31, या धारा 48ए या धारा 48बी या प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम के किसी अन्य प्रावधानों के अंतर्गत पारित इसके आदेशों और इनके अनुरूप नियम लागू करने में निगरानी की जरूरत है तो उस स्थिति में ऐसी एजेंसियों की सेवाएं ली जा सकती हैं।‘

सीसीआई ने जिन धाराओं को जिक्र किया है वे विलय, समाधान एवं प्रतिबद्धता आवेदनों से जुड़े हैं। सूत्रों ने कहा कि सीसीआई को उसके समाधान एवं प्रतिबद्धता योजना पर अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। कंपनियां अपराध बोध से ग्रस्त हुए बिना समाधान एवं प्रतिबद्धता विकल्प चुन सकती हैं और अधिनियम के कथित उल्लंघन के संदर्भ में सच्चाई का खुलासा कर सकती हैं।

इन निगरानी एजेंसियों में लेखा कंपनियां, प्रबंधन सलाहकार कंपनियां, कोई अन्य पेशेवर संगठन या सनदी लेखाकार (चार्टर्ड अकाउंटेंट), कंपनी सचिव या लागत लेखाकार शामिल हो सकती हैं।

First Published : June 6, 2024 | 10:10 PM IST