केंद्र सरकार ने सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के श्रीपेरंबदूर संयंत्र में चल रही कर्मचारियों की हड़ताल के ‘शीघ्र और सौहार्दपूर्ण समाधान’ के लिए तमिलनाडु सरकार से हस्तक्षेप करने का बुधवार को आग्रह किया। सूत्र ने बताया कि केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को पत्र लिखकर विनिर्माण क्षेत्र में सकारात्मक पारिस्थितिकी तंत्र बनाए रखने के लिए इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने मामले को कुशलतापूर्वक हल करने में राज्य की मदद के लिए मंत्रालय की ओर से पूर्ण समर्थन का आश्वासन भी दिया।
हड़ताल के 17वें दिन कंपनी ने अपने कर्मचारियों से काम पर लौटने का भी आग्रह किया और सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) से नहीं, बल्कि कर्मचारियों से सीधे बात करने की इच्छा जताई। सूत्रों के अनुसार इस चर्चा में बड़ी बाधा यह है कि सैमसंग इंडिया वर्कर्स यूनियन (एसआईडब्ल्यूयू) के अध्यक्ष ई मुथुकुमार सीटू के वरिष्ठ नेता हैं न की कंपनी के कर्मचारी।
कंपनी के बयान में कहा ‘हम अपने कर्मचारियों से सीधे बातचीत करके वेतन, लाभ और काम करने की स्थिति समेत सभी मसलों को हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम उनसे जल्द से जल्द काम पर लौटने का आग्रह करते हैं।’
बयान में कहा गया है ‘सैमसंग इंडिया में अपने कर्मचारियों का कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। चेन्नई संयंत्र में हमारे पूर्णकालिक विनिर्माण कर्मचारियों का औसत मासिक वेतन इस क्षेत्र की अन्य कंपनियों में कार्यरत ऐसे ही कर्मचारियों के औसत वेतन का 1.8 गुना है।’
‘हमारे कर्मचारी ओवरटाइम वेतन और अन्य भत्तों के लिए भी पात्र हैं तथा हम कार्यस्थल का ऐसा वातावरण प्रदान करते हैं, जो स्वास्थ्य, सुरक्षा और कल्याण के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करता है, इसमें निःशुल्क शटल बस और भोजन भी शामिल हैं।’