चेन्नई पोर्ट हुंडई मैनेजमेंट से नाराज

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 06, 2022 | 9:41 PM IST

चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट कार निर्माता कंपनी हुंडई मोटर्स इंडिया लिमिटेड से खासा नाराज है। उसने कंपनी पर यार्ड मैनेजमेंट में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए इसका प्रबंधन अपने हाथों में लेने की पेशकश की है।


इस बंदरगाह पर कोरियाई कंपनी हुंडई का विशेष यार्ड है। कंपनी की निर्यात होने वाली कारें इसी यार्ड में रखी जाती हैं। बंदरगाह से 90 देशों को कारें निर्यात की जाती हैं। पोर्ट के अधिकारियों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि जल्द ही वे हुंडई मोटर्स के अधिकारियों से इस बारे में बात करेंगे। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि इसका असर बंदरगाह से कारों के निर्यात पर नहीं पड़ेगा। गौरतलब है कि हुंडई मोटर्स देश की सबसे बड़ी कार निर्यातक कंपनी है।


बंदरगाह के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हम अपनी ब्रांड वैल्यू के लिए हुंडई कारों के प्रबंधन को अपने हाथ में ले रहे हैं न कि लाभ कमाने के लिए।’ फिलहाल बंदरगाह का 60 हजार वर्ग फुट का क्षेत्रफल कार पार्किंग के लिए कार निर्माताओं के पास है। इसके एवज में कार्गो शुल्क के रूप में बंदरगाह को सालाना महज पौने तीन करोड़ रुपये मिलते हैं।


दूसरी ओर बंदरगाह के अंदर मौजूद 40,000 वर्गफुट जमीन का इस्तेमाल करने पर एक लौह अयस्क निर्यातक कंपनी पोर्ट ट्रस्ट को हर साल 47 करोड़ रुपये चुकाती है। ट्रस्ट की शिकायत है कि हुंडई उसकी जमीन का इस्तेमाल केवल गोदाम के तौर पर कर रही है। इसी वजह से वह यार्ड का प्रबंधन अपने हाथों में लेने की बात कह रहा है।


फिलहाल हुंडई के यार्ड का प्रबंधन तीसरे हाथों में है। इसमें लापरवाही होने की वजह से जहाजों को काफी देर तक रुकना पड़ता है और उतनी देर तक जगह घिरी रहती है। वैसे भी इस यार्ड के अधिकार केवल हुंडई को नहीं दिए गए थे। इसलिए ट्रस्ट उसका इस्तेमाल दूसरे कामों के लिए भी करने की सोच रहा है।


इस बारे में पूछे जाने पर हुंडई मोटर्स के प्रवक्ता ने कहा, ‘चेन्नई बंदरगाह तक अपनी कारें ले जाने में हमें दिक्कत हो रही है और कारों की ढुलाई का यह काम रात 10 बजे से सुबह के 8 बजे के बीच ही हो पाता है। हमारे लिए इतनी कम अवधि काफी नहीं है, इसी वजह से हम रेल लिंक के बारे में सोच रहे हैं।’


हालांकि राज्य सरकार का कुछ और ही कहना है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि हुंडई के साथ ऐसा कोई वायदा नहीं किया गया था। उसने यह जरूर कहा कि हुंडई का प्रबंधन अच्छा नहीं होने की वजह से बंदरगाह के अंदर दिक्कतें आ रही हैं।

First Published : May 5, 2008 | 11:13 PM IST