छूट की छुट्टी करने में लगीं कंपनियां

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 7:45 AM IST

बदलते बाजार और उस पर निर्माण लागत की मार ने कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और होम अपलायंस निर्माता कंपनियों को अपने उत्पाद पर डिस्काउंट देने की आदत को बदलने के लिए मजबूर कर दिया है।


अब कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स बनाने वाली कंपनियां छूट और सेल के रास्ते से हट कर ग्राहकों को लुभाने और बिक्री को बढ़ाने के लिए दूसरी रणनीतियां तैयार करने में लगी हुई हैं। 32 हजार करोड़ रुपये वाले भारतीय उपभोक्ता वस्तुओं के बाजार में कंपनियों के पास प्रतिस्पर्धा के दौर में और कोई चारा नहीं बचा।

उम्मीद है कि इस क्षेत्र में निर्माता कंपनियों की रणनीति में जबरदस्त बदलाव देखा जाएगा और अपनी दावेदारी को मजबूत करने के लिए वे उत्पाद नवपरिवर्तन, बिक्री के बाद सेवाओं और रिटेल और वितरण के बेहतर रणनीतियों पर अधिक ध्यान देंगी। अंतरराष्ट्रीय रिटेल बाजार से आगे बढ़ते हुए निर्माता कंपनियां आधुनिक व्यापार को संभालने के लिए विभिन्नि प्रयासों के बारे में सोच रही हैं और वे निजी लेबल भी बाजार में उतार सकती हैं।

उद्योग जगत के सूत्रों के अनुसार उपभोक्ता वस्तुएं बनाने वाली कंपनियां लोगों को उनकी पसंद-नापसंद के अनुसार सामान उपलब्ध कराने पर भी विचार कर रही हैं। उदाहरण के लिए एक फ्रिज के मॉडल में ही कुछ अतिरिक्त फीचर जोड़ दिए जाएंगे, जिन्हें आधनिक रिटेल शृंखला में ऊंचे दामों में बेचा जा सकेगा, जबकि उस फ्रिज का बेसिक मॉडल कंपनी के हर स्टोर में किफायती दामों में उपलब्ध होंगे।

एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स के निदेशक (बिक्री एवं मार्केटिंग) वी रामचंद्रन का कहना है, ‘हमने अलग-अलग डीलरों के लिए पहले ही अलग-अलग उत्पाद शृंखला पेश की है, जबसे हर रिटेल स्टोर का प्रारूप एक-दूसरे से अगल-अलग हुआ है। ‘ फिलिप्स के मुख्य मार्केटिंग अधिकारी विवेक शर्मा का कहना है, ‘जैसे-जैसे उद्योग परिपक्व होता जाएगा, इसमें कंपनियों के मॉडलों में नई कीमतें देखने को मिलेंगी, जो उस उत्पाद को खास बनाती हैं।’

पिछले 3 से 4 वर्षों में निर्माता कंपनियों में ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए उनमें जबरदस्त कीमतों का खेल देखा गया है, जिसके कारण उद्योग में साल-दर-साल के आधार पर कीमतों में 10 प्रतिशत की कमी आई है। कंपनियां डीलरों को कुछ खास उत्पाद वर्ग, जिसकी बिक्री दर कम है, को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ डिस्काउंट ऑफर की भी पेशकश कर रही हैं।

हाल ही में लगभग सभी निर्माता कंपनियों ने इस्पात, तांबा, अल्युमिनियम और अन्य कच्चे माल की कीमतों के दबाव को कम करने के लिए अपने उत्पादों की कीमतों में 5 से 10 फीसदी का इजाफा किया है। उद्योग निर्माता कंपनियों की ओर से मुनाफे को बरकरार रखने के लिए कीमतों और रणनीतियों में तेजी से बदलाव का दौर देख रहा है।

व्हर्लपूल के उपाध्यक्ष (मार्केटिंग) शांतनु दास गुप्ता का कहना है, ‘कीमतों का निर्धारण आज के दौर में मुनाफे को सुरक्षित रखने के लिए अधिक किया जा रहा है। छूट देकर बिक्री को बढ़ाना आज की स्थितियों को भांपते हुए जिसमें महंगाई का भारी दबाव बना हुआ है, सही नहीं है।’

First Published : June 27, 2008 | 12:12 AM IST