कच्चे तेल की कीमतों में लगी आग से जूझ रही कंपनियां जेट्रोफा से जैव ईंधन तैयार कर व्यावसायिक अवसर तलाशने में लग गई हैं।
भारत का दक्षिणी क्षेत्र खासकर गुजरात जैव ईंधन उत्पादन के लिए एक उपयुक्त स्थान में तब्दील हो रहा है जहां दर्जनों कंपनियां जेट्रोफा की खेती को बढ़ावा दिए जाने में दिलचस्पी दिखा रही हैं।
टाटा केमिकल्स, रिलायंस, एस्सार और ब्रिटिश कंपनी डी1-बीपी फ्यूल कॉप्स जैसी कंपनियां शोध कार्यों और परीक्षणों में जुट गई हैं। इस प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक निर्माण कंपनी शपूरजी पलोनजी को गुजरात में राज्य सरकार की ओर से जमीन आवंटित की गई है। वहीं मुंबई की ऊर्जा कंपनी रॉयल एनर्जी दीसा क्षेत्र में तकरीबन 2000 एकड़ भूमि खरीदने की योजना बना रही है।
नंदन बायोमेट्रिक्स लिमिटेड ने राज्य में बेकार पड़ी एक लाख एकड़ भूमि पर जेट्रोफा की खेती के लिए अहमदाबाद की वी वर्ल्डवाइड गु्रप के साथ करार किया है। ब्रिटिश कंपनी डी1-बीपी फ्यूल्स ने राज्य में जैव ईंधन के उत्पादन के लिए आईएलऐंडएफएस इकोस्मार्ट के साथ एक समझौता किया है। कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक डी1-बीपी जेट्रोफा की खेती के लिए उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, असम और महाराष्ट्र में भी संभावनाएं तलाश रही है। कंपनी ने जामनगर में एक शोध एवं विकास केंद्र भी शुरू किया है।
वैकल्पिक ईंधनों पर काम करने वाले एक विशेषज्ञ के मुताबिक, ‘गुजरात में बेकार पड़ी भूमि की प्रतिशतता महाराष्ट्र की तुलना में अधिक है। गुजरात सरकार ने जेट्रोफा की खेती के लिए नर्मदा क्षेत्र में 19 लाख एकड़ भूमि की पहचान की है। राजस्थान में 324 लाख हेक्टेयर भूमि बेकार पड़ी है, लेकिन वहां पानी की किल्लत एक गंभीर समस्या बनी हुई है।’ वैसे मौजूदा समय में जेट्रोफा की पैदावार में इजाफा हुआ है। अब तकरीबन 2500 लीटर जैव ईंधन प्रति वर्ष तैयार किया जा सकेगा।
इस प्रक्रिया से जुड़े सूत्रों ने बताया कि तेल एवं प्र्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने पूर्वी भारत में 5 लाख एकड़ के दायरे में जेट्रोफा की खेती की योजना बनाई है। टाटा केमिकल्स वैश्विक जैव ईंधन बाजार में भी दस्तक देने पर विचार कर रही है। कंपनी ने भारत में गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्यों से जैव ईंधन एकत्रित करने की महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है। टाटा केमिकल्स के अधिकारियों ने बताया, ‘कंपनी की प्रत्येक राज्य में 5 लाख एकड़ भूमि पर जेट्रोफा की खेती करने की योजना है। कंपनी ने गुजरात के जामनगर जिले में काम शुरू भी कर दिया है।’
मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस लाइफसाइंसेज ने कच्छ जिले में बायो-इथेनॉल इकाई स्थापित करने की योजना बनाई है। रिलायंस ने आंध्र प्रदेश में अपनी काकीनाडा रिफाइनरी में कुछ परीक्षण भी संचालित किए हैं। कंपनी कच्छ में जेट्रोफा की खेती की संभावना तलाश रही है। इसके अलावा एस्सार समूह और अहमदाबाद की अवनि सीड्स जैसी कई कंपनियां राज्य में जेट्रोफा की खेती के लिए आगे आई हैं।