डीटीएच लॉन्च करने के भारती के सपने पर छाया संकट

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 12:42 PM IST

भारती समूह की डायरेक्ट-टु-होम सेवा प्रदान करने वाली कंपनी भारती टेलीमीडिया का डीटीएच लाइसेंस रद्द हो सकता है।


दरअसल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और विदेशी दोहरा निवेश कानून का उल्लंघन करने के कारण भारती टेलीमीडिया पर सरकार प्रतिबंध भी लगा सकती है।  सरकार ने पिछले महीने ही कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था लेकिन सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय कंपनी के जवाब से संतुष्ट नहीं है।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक कंपनी के जवाब से संतुष्ट नहीं होने के कारण मंत्रालय इस आदेश की कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक पिछले दो हफ्तों से सूचना प्रसारण मंत्री प्रियरंजन दास मुंशी की तबीयत सही नहीं होने के कारण इस आदेश पर अभी उनकी अनुमति मिलना भी बाकी है।

इस मामले से जुड़े सूत्रों से मुताबिक, ‘भारती का डीटीएच लाइसेंस रद्द करने का पत्र मंत्रालय के सचिव के कार्यालय को भेज दिया गया है। अब देखना यह है कि लाइसेंस रद्द करने का आदेश मंत्रालय 22 जुलाई को होने वाले विश्वास मत के बाद जारी करती है या इससे पहले।’ मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार भारती टेलीमीडिया इस मामले को लेकर विदेशी निवेश संवर्द्धन परिषद् (एफआईपीबी) में जाने की योजना बना रहा है। भारती की एक प्रमोटिंग कंपनी के जरिए भारती टेलीमीडिया में भी विदेशी निवेश है।

मंत्रालय के  सूत्रों ने बताया, ‘अगर कंपनी को परिषद् से अनुमति मिल जाती है तो कंपनी को डीटीएच लाइसेंस फिर से मिल जाएगा।’ भारती टेलीमीडिया में दो निवेशक कंपनियां हैं- भारती एयरटेल (40 फीसदी हिस्सेदारी) और भारती इंटरप्राइजेज (60 फीसदी हिस्सेदारी)। भारती एयरटेल में 21.64 फीसदी विदेशी निवेश है। डीटीएच लाइसेंस कानून में साफ लिखा है कि निवेशक कंपनियों के किसी भी अप्रत्यक्ष विदेशी निवेश को पहले अनुपातिक आधार पर आंका जाना चाहिए और उसे एफआईपीबी की अनुमति भी मिलनी चाहिए। भारती ने पहले ही इसका टेस्ट लॉन्च शुरू किया है और अगले एक-दो महीने में इसे लॉन्च करने वाली थी।

First Published : July 21, 2008 | 10:42 PM IST