दुनिया की सबसे बड़ी ट्रक निर्माता कंपनी डेमलर एजी और हीरो समूह ने चेन्नई में ट्रक बनाने का संयंत्र स्थापित करने के लिए आज समझौते को अमली जामा पहना ही दिया।
दोनों कंपनियों के साझे उपक्रम डेमलर हीरो कॉमर्शियल व्हीकल्स करीब 3,000 करोड़ रुपये लगाकर संयंत्र बनाने के लिए तमिलनाडु सरकार के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस संयंत्र में ट्रकों का निर्माण 2010 में शुरू हो जाएगा। इस संयंत्र की शुरुआती उत्पादन क्षमता 70,000 ट्रक प्रति वर्ष होगी। बाद में ट्रकों का निर्यात भी किया जाएगा।
यह संयंत्र ओरागडम में सिपकॉट इंडस्ट्रियल पार्क में 400 एकड़ के भूखंड पर स्थापित किया जाएगा। वोल्वो पहले से ही भारत में व्यावसायिक वाहन बनाने के लिए उपक्रम तैयार कर रही है। हीरो कॉरपोरेट सर्विसेज के चेयरमैन सुनील कांत मुंजाल ने इस समझौते के अवसर पर कहा कि नए संयंत्र से 3000 लोगों को प्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिलेगा।
वोल्वो, मैन एजी और नवीस्टार इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन भारत में माल ढुलाई परिवहन और वाहनों के निर्माण के लिए अपनी विस्तार योजना के तहत ट्रक निर्माण के लिए पहले ही भागीदारी कायम कर चुकी हैं। डेमलर ने भारत में पिछले वर्ष एक्ट्रोस ट्रक का निर्माण शुरू किया था। डेमलर और हीरो ग्रुप ने अगले पांच वर्षों में इस उपक्रम में 4360 करोड़ रुपये के निवेश पर सहमति जताई थी। साझे उपक्रम में डेमलर की 60 फीसद हिस्सेदारी है और वह इसमें लगभग 22 करोड़ यूरो का निवेश कर रही है। डेमलर के मुताबिक इस संयंत्र में भारत के लिए शुरू में हल्के और छोटे ट्रक बनाए जाएंगे।
जर्मनी की यह वाहन निर्माता कंपनी पुणे में अपने संयंत्र में मर्सिडीज-बेंज एक्ट्रोस ट्रकों का निर्माण करती है। इस संयंत्र में कंपनी मर्सिडीज-बेंज ई-क्लास, सी-क्लास और एस-क्लास कारों को असेंबल भी करती है। डेमलर ने लक्जरी बसों के निर्माण के लिए सतलज मोटर्स लिमिटेड के साथ भी एक संयुक्त उपक्रम स्थापित किया है। भारत की सबसे बड़ी मोटरसाइकिल निर्माता हीरो होंडा मोटर्स लिमिटेड का मालिक हीरो ग्रुप बड़े वाहनों के निर्माण के लिए बाजार में संभावनाएं तलाश रहा है।
भारत में इस साल मोटरसाइकिलों की बिक्री में 7.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। चेन्नई में बेयरिश मोटोरेन वेर्के एजी, फोर्ड मोटर कंपनी और हुंडई जैसी कंपनियों की फैक्टरियां मौजूद हैं। इसके अलावा रेनो एसए और इसकी भागीदार निसान मोटर कंपनी यहां एक नया संयंत्र लगा रही हैं।