रेटिंग एजेंसी ने क्रिसिल से कहा है कि भारत का ऑनलाइन फार्मेसी (ई-फार्मेसी) क्षेत्र अगले वित्त वर्ष में अपने परिचालन घाटे को 10 फीसदी से कम करने की राह पर रहेगा। इसमें बीते वर्ष 2023 की तुलना में 30 फीसदी से अधिक सुधार होगा। कंपनी को परिचालन घाटा तब होता है जब उसका परिचालन व्यय उसके सकल लाभ से ज्यादा रहता है।
ऐसा आमतौर पर किसी भी कंपनी के बढ़ोतरी के शुरुआती चरण में होता है। क्रिसिल के मुताबिक विकसित देशों के मुकाबले कम पैठ को देखते हुए भारत के खुदरा दवा बाजार में तीन से पांच फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली ऑनलाइन फार्मेसियों में वृद्धि की अपार संभावनाएं हैं।
विकसित देशों में ऑनलाइन फार्मेसियों की हिस्सेदारी 22 से 25 फीसदी तक रती है। भारत में कुल खुदरा दवा बाजार करीब 2.4 लाख करोड़ रुपये का है जिसमें 85 फीसदी हिस्सेदारी के साथ असंगठित क्षेत्र का दबदबा है।