आवास ऋण देने वाली कंपनी एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने आज भरोसा जताया कि महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था जल्द उबर जाएगी। उन्होंने कहा कि ‘भारत’ यानी ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बल पर भारतीय अर्थव्यवस्था की सेहत उम्मीद से जल्दी सुधर जाएगी।
कई विशेषज्ञों का अनुमान है कि यदि जुलाई तक लॉकडाउन हट जाता है तथा सितंबर तक स्थिति सामान्य होने लगती है, तो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में पांच प्रतिशत की गिरावट आएगी। यदि स्थिति इससे खराब रहती है, तो अर्थव्यवस्था में 7.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी। प्रत्येक एक महीने के लॉकडाउन से जीडीपी में एक प्रतिशत की कमी आएगी।
पारेख ने एचडीएफसी की 43वीं आमसभा में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘कुछ ऐसे तथ्य हैं जिनसे पता चलता है कि अर्थव्यवस्था राह पर लौट रही है। बेरोजगार की दर मई के उच्चस्तर से नीचे आई है, ई-टोल संग्रह बढ़ा है, साथ ही ई-वे बिल, डिजिटल लेनदेन भी बढ़ा है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह एक बार फिर से 90,000 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया है।’
पारेख ने लोगों को सलाह दी कि वे अर्थव्यवस्था की नकारात्मक वृद्धि के अनुमान से परेशान नहीं हों। उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से अर्थव्यस्था की स्थिति अब सुधरेगी, क्योंकि भविष्य में बड़ा या पूर्ण लॉकडाउन नहीं लगने जा रहा।’
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से सिर्फ तीन बार 1958, 1966 और 1980 में हम मंदी के घेरे में आए हैं। प्रत्येक बार इसका कारण खराब मॉनसून से कृषि क्षेत्र का प्रभावित होना रहा। उन्होंने कहा, ‘आज हमारा चमकदार पहलू ग्रामीण अर्थव्यवस्था है। बेहतर मानसून, कृषि क्षेत्र की मजबूत वृद्धि तथा ग्रामीण रोजगार गारंटी के जरिये सरकार की ओर से मिल रहे समर्थन से ग्रामीण उपभोग बढ़ रहा है जिससे अर्थव्यवस्था की स्थिति में कुल मिलाकर सुधार होगा।’
उन्होंने लॉकडाउन की वजह से घर से काम यानी वर्क फ्रॉम होम संस्कृति के वाणिज्यिक रियल एस्टेट क्षेत्र पर पड़े असर को नजरंदाज किया है।
1000 से ज्यादा नए उत्पाद आएंगे
एमेजॉन डॉट इन पर 100 से अधिक लघु एवं मझोले उपक्रम (एसएमबी) तथा स्टार्टअप कंपनियां इस साल छह और सात अगस्त को ‘प्राइम डे’ पर 17 विभिन्न श्रेणियों में 1,000 से अधिक नए उत्पाद पेश करेंगी। एमेजॉन ने बयान में कहा है कि प्राइम डे पर हजारों स्थानीय दुकानें भी पहली बार उसके मंच पर अपने उत्पाद पेश करेंगी। कंपनी लॉन्चपैड कार्यक्रम के तहत स्टार्टअप कंपनियों और लघु एवं मझोले उपक्रम अपने विशिष्ट और भिन्न प्रकार के उत्पाद पेश करने जा रहे हैं। इन उत्पादों में स्वास्थ्य एवं व्यक्तिगत देखभाल, सौंदर्य, किराना और घर के उत्पाद शामिल हैं। ‘कारीगर’ और ‘सहेली’ से जुड़े उत्पाद भी आएंगे। भाषा