बस और व्यावसायिक वाहन बनाने में अग्रणी कंपनी आयशर मोटर्स ने बसों के बाजार में अपनी बादशाहत बरकरार रखने के लिए विस्तार की योजना बनाई है।
कंपनी इसी साल अक्टूबर से नीचे फ्लोर वाली हल्की बसें बनाना शुरू कर रही है।आयशर इन बसों को देशी ही नहीं विदेशी बाजारों में भी बेचेगी। उसने संयुक्त अरब अमीरात और कतर आदि देशों में इसकी बिक्री का फैसला भी कर लिया है।
आयशर मोटर्स कॉमर्शियल व्हीकल्स के मुख्य कार्यकारी ए रामसुब्रह्ममण्यम ने बताया, ‘मार्च 2009 खत्म होते-होते हम अपनी 6,000 बसें तो सड़कों पर उतार ही देंगे। तकरीबन 10 फीसदी बसों का निर्यात किया जाएगा।’
बसों के बाजार पर पहले ही आयशर और टाटा मोटर्स जैसी कंपनियों का दबदबा है। लेकिन कंपनी अगले 3 साल में देश में हल्के व्यावसायिक वाहनों के कुल कारोबार के 50 फीसदी पर अपना कब्जा चाहती है। इसके अलावा नेपाल, बंगलादेश और श्रीलंका जैसे देशों में भी आयशर के बस और ट्रक दिखेंगे।
तकरीबन 30,000 करोड़ रुपये पूंजी वाली कंपनी के पीथमपुरा संयंत्र की सालाना उत्पादन क्षमता 41,000 इकाई है। अगले वित्त वर्ष के अंत तक आयशर यह आंकड़ा 50,000 सालाना तक पहुंचाने की योजना बना रही है।आयशर का स्विट्रजरलैंड की दिग्गज ट्रक निर्माता कंपनी वोल्वो के साथ संयुक्त उपक्रम भी है, जिसके विस्तार की योजना है।