नैनो के जवाब में छोटी कार ला रहा फील्डमार्शल समूह अब इस क्षेत्र में कुछ नया करने की तैयारी में है।
छोटी इलेक्ट्रिक कारों को सुविधाजनक और खरीदने में आसान बनाने के लिए कंपनी इन कारों के लिए अलग तरह के बैटरी चार्जिंग जैसी सुविधाएं मुहैया कराने वाली है। दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरियों को घर से चार्ज कर चलना पड़ता है। लेकिन इन कारों के लिए कं पनी ‘बैटरी चार्जिंग सेंटर’ खोलने वाली है।
इन सेंटरों पर कंपनी फील्डमार्शल की पुरानी बैटरियों के बदले पूरी चार्ज्ड बैटरियां देगी। कंपनी इन सेंटरों को पेट्रोल पंपों की तरह शहरों की मुख्य सड़कों पर खोलने की योजना बना रही है। इस योजना के तहत बैटरियां कं पनी की होंगी और पुरानी बैटरी का चार्ज कम या खत्म होते ही ग्राहक इन सेंटरों पर जाकर बैटरियां बदल सकते हैं।
कंपनी के एक अधिकारी ने कहा, ‘हम जिस भी शहर में इस कार को लाँच करेंगे उस शहर में हर 5-7 किलोमीटर की दूरी पर एक एक्सचेंज सेंटर खोलेंगे। इस तरह हम उन लोगों को आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं जो इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्ज होने में ज्यादा वक्त लगने के कारण इन वाहनों की खरीद से बचते हैं।’
एक चार पहिए वाली गाड़ी चार्ज होने में 8-10 घंटे लेती है और चार्ज होने के बाद लगभग 50-60 किलोमीटर तक चलती है। लेकिन कंपनी गाड़ी के इस फीचर में सुधार कर इसकी चलने की क्षमता को बढ़ाना और इन सेंटरों के जरिये बैटरी के चार्ज होने में लगने वाले वक्त को घटाना चाहती है।
फील्डमार्शल ऑस्ट्रेलियाई कंपनी फार्नाओ टेक्नोलॉजिज के साथ बैटरी से चलने वाली गाड़ियां और तिपहिया वाहनों का निर्माण करने के लिए संयुक्त उपक्रम बनाया है। हाल ही में छोटी कारों को उत्पादन शुल्क में मिली छूट के कारण कंपनी इस कार की कीमत 99,000 रुपये रखने पर विचार कर रही है।
इस परियोजना में निवेश करने के लिए कंपनी आंतरिक संसाधनों द्वारा पूंजी जुटाएगी। कंपनी पूंजी जुटाने के लिए आईपीओ भी ला सकती है। फार्नाओं ने इस परियोजना के लिए अंतरराष्ट्रीय विदेशी निवेशकों को लुभाने की शुरुआत की है। फार्नाओ भारतीय बाजार के लिए पहले ही इस कॉनसेप्ट कार बना चुकी है। इस कार का निर्माण फील्डमार्शल के राजकोट स्थित संयंत्र में किया जाएगा। माना जा रहा है कि ऑस्ट्रेलियाई कंपनी पुर्जों का निर्माण भारत में और इनकी असेंबलिंग विदेशों में करना चाहती है।