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रोजमर्रा के इस्तेमाल के उत्पाद (एफएमसीजी) बनाने वाली कंपनी डाबर इंडिया को चालू वित्त वर्ष में उपभोग में धीरे-धीरे बढ़ोतरी की उम्मीद है। डाबर के चेयरमैन मोहित बर्मन के अनुसार, कंपनी को उम्मीद है कि उसके ‘पावर’ ब्रांड वृद्धि को गति देंगे क्योंकि वह दूरदराज के इलाकों में विस्तार कर रही है।
कंपनी की हालिया सालाना रिपोर्ट के अनुसार, डाबर को ग्रामीण क्षेत्रों में खपत में सुधार की उम्मीद है, जहां यह अपना विस्तार जारी रखेगी। शहरी बाजारों के लिए यह अधिक प्रीमियम पेशकश को जोड़कर और आसन्न श्रेणियों में प्रवेश करके अपनी भूमिका बढ़ाएगी।
बर्मन ने कंपनी के शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा, “हम अगले साल उपभोग प्रवृत्तियों में धीरे-धीरे वृद्धि के प्रति आशान्वित हैं, क्योंकि सामान्य मानसून, सुधरते वृहद आर्थिक संकेतक, बुनियादी ढांचे के निर्माण पर सरकार का निरंतर व्यय तथा कम मुद्रास्फीति की भविष्यवाणी की गई है।”
कंपनी अपनी व्यावसायिक रणनीति की जुझारू क्षमता के बारे में ‘आश्वस्त’ है। उसे उम्मीद है कि उसके पावर ब्रांड वृद्धि को आगे बढ़ाते रहेंगे क्योंकि यह अपनी पहुंच को और गहरा करेगी, जिससे इसका कुल बाजार बढ़ेगा। डाबर के पोर्टफोलियो में वर्तमान में नौ अलग-अलग पावर ब्रांड शामिल हैं – आठ भारत में और एक विदेशी बाजारों में, जिनका कुल बिक्री में लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा है।
डाबर के आठ प्रमुख पावर ब्रांड में डाबर च्यवनप्राश, डाबर हनी, डाबर हनीटस, डाबर पुदीनहारा, डाबर लाल तेल, डाबर आंवला, डाबर रेड टूथपेस्ट और रियल जूस शामिल हैं। वाटिका डाबर का अंतरराष्ट्रीय पावर ब्रांड है।
वित्त वर्ष 2023-24 में ग्रामीण मांग में कमी के कारण खपत में मंदी देखी गई, जो उच्च खाद्य मुद्रास्फीति और अनियमित वर्षा से प्रभावित थी। अपनी वृद्धि रणनीति के तहत डाबर पारंपरिक चैनल के अलावा त्वरित भुगतान जैसे नए युग के माध्यमों पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है।