टाटा केमिकल्स लिमिटेड (टीसीएल) ने जानी मानी अमेरिकी रसायन कंपनी जनरल केमिकल्स इंडस्ट्रियल प्रॉडक्टस इंक का अधिग्रहण कर लिया।
इसके साथ ही वह सोडा एश बनाने वाली दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी हो गई।इस अधिग्रहण के लिए टीसीएल तकरीबन 4,000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।टीसीएल ने आज इस अधिग्रहण का ऐलान कर दिया। कंपनी ने इस सौदे के लिए जरूरी रकम रिकॉर्ड समय में इकट्ठा कर ली। हालांकि पहले कुछ ही दिनों में रकम जुटाना बहुत मुश्किल माना जा रहा था। लेकिन कंपनी इसे पूरा करने में कामयाब रही।
इस अधिग्रहण के बारे में कंपनी ने पहली बार इसी साल 31 जनवरी को खुलासा किया था। टाटा स्टील के हाथों कोरस स्टील के अधिग्रहण का एक साल पूरा होने पर यह ऐलान किया गया था।टीसीएल के प्रबंध निदेशक होमी खुसरोखान ने अधिग्रहण पूरा होने पर कहा, ‘मुझे खुशी है कि बेहद आसानी ओर तेजी के साथ यह अधिग्रहण पूरा हो गया। सोडा एश के मामले में जनरल केमिकल्स की महारत कई साल तक हमारे काम आएगी। यह सौदा हमारे लिए वाकई कीमती है।’
खुसरोखान ने यह भी कहा कि जनरल केमिकल्स के अधिग्रहण के साथ ही उनकी कंपनी को कई?मामलों में वैश्विक बढ़त मिल जाएगी। उसके विनिर्माण संयंत्र तो बढ़ ही जाएंगे, कच्चे माल की भी उसके पास कमी नहीं रहेगी। इस अधिग्रहण के साथ ही टीसीएल की सोडा एश बनाने की क्षमता 30 लाख टन सालाना से बढ़कर तकरीबन 55 लाख टन सालाना हो जाएगी। जनरल केमिकल्स के खनन और विनिर्माण संयंत्रों से भी टाटा की क्षमता में इजाफा हो जाएगा।
टीसीएल ने इससे पहले 2005-06 में ब्रूनर मोंड ग्रुप ऑफ कंपनीज का भी अधिग्रहण किया था। यह ब्रिटेन, नीदरलैंड और केन्या की की बड़ी सोडा एश निर्माता कंपनी है। जनरल केमिकल्स के अधिग्रहण के बाद दुनिया के दो सबसे निचले समुद्र तटीय सोडा एश भंडार टीसीएल के पास आ गए हैं। ये भंडार अमेरिका में व्योमिंग और केन्या में मगादी में हैं।