जीएमआर ने ली अफ्रीकी फर्म में हिस्सेदारी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 10:02 PM IST

बेंगलुरु की जीएमआर इंफ्रास्ट्रक्चर जो हवाईअड्डे, विद्युत परियोजनाओं और सड़क परियोजनाओं के विकास कार्यों से जुड़ी हुई है, सितंबर 2008 तक 620 करोड़ रुपये का निवेश करने वाली है।


दरअसल कंपनी दक्षिण अफ्रीका में कोयला खदान कंपनी में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए यह निवेश करेगी।जीएमआर इंफ्रास्ट्रक्चर ने आज कहा कि वह अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी जीएमआर एनर्जी ने दक्षिण अफ्रीका स्थित होमलैंड माइनिंग ऐंड एनर्जी में 60 हजार करोड़ रुपये में पांच फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया।


होमलैंड माइनिंग ऐंड एनर्जी कनाडा के होमलैंड एनर्जी समूह की सहायक कंपनी है। जीएमआर ने आगे कहा कि इस पांच प्रतिशत की हिस्सेदारी के बाद कंपनी सितंबर 2008 में दक्षिण अफ्रीका की इस कंपनी में अतिरिक्त 45 प्रतिशत हिस्सेदारी भी खरीद सकती है, जिसकी लागत लगभग 620 करोड़ रुपये होगी।


यह लेन-देन होमलैंड की दक्षिण अफ्रीका में मौजूद सहायक कंपनी की परियोजनाओं और संपत्तियों के लिए होगी, जिसमें केंडल खदान, एलॉफ कोयला खनन परियोजना, नॉर्थफील्ड क्षेत्र परियोजना के साथ-साथ दक्षिण अफ्रीका में अन्वेषण परियोजनाएं भी शामिल हैं। जीएमआर के एक वक्तव्य के अनुसार एलॉफ परियोजना में विकास की महत्वपूर्ण संभावना है।


जीएमआर एनर्जी की 1,050 मेगावाट वाली कोयला से बिजली उत्पादन की दो परियोजनाएं पर उड़ीसा और छत्तीसगढ़ में काम चल रहा है। उड़ीसा परियोजना से उम्मीद है कि वह 2012 से बिजली उत्पादन का काम शुरू कर देगा, जबकि छत्तीसगढ़ परियोजना में अभी हाल ही में समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हुए हैं और उसमें थोड़ी सी देरी होगी।
 
जीएमआर के वर्तमान में तीन बिजली उत्पादन संयंत्र काम कर रहे हैं, जिनसे 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाता है और इनमें से किसी में भी कोयले का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। दो ताप विद्युत परियोजनाओं के साथ, जीएमआर एनर्जी के पास देशभर में कुल 4 और परियोजनाएं  हैं।


जीएमआर इंफ्रास्ट्रक्चर के एक वक्तव्य के अनुसार, होमलैंड माइनिंग के पास दक्षिण अफ्रीका में कई कोयला खदान परियोजनाओं के लिए लाइसेंस हैं। वक्तव्य में कहा गया, ‘इस अधिग्रहण से भारत में उसकी ऊर्जा परियोजनाओं के लिए ईंधन की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। साथ ही यह करार समूह के ऊर्जा कारोबार में विकास के लिए मुख्य स्रोत भी साबित होगा।’

First Published : April 18, 2008 | 1:30 AM IST