जीएसएचएल पहुंच गई परदेस

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 4:53 PM IST

इस्पात इंडस्ट्रीज के प्रमोटर प्रमोद मित्तल के स्वामित्व वाली प्रमुख कंपनी ग्लोबल स्टील होल्डिंग्स लिमिटेड (जीएसएचएल) कोयले और लौह अयस्क की तलाश में विदेश पहुंच गई है।


उसने ब्राजील, कोलंबिया और मोजांबिक में लौह अयस्क और कोयले के भंडार पट्टे पर लेने के लिए समझौते कर लिए हैं।जीएसएचएल के एक प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि ब्राजील के साथ लौह अयस्क के कई पट्टों के लिए समझौते किए गए हैं। कोलंबिया और मोजांबिक के साथ कोकिंग कोयले की संभावना वाले ब्लॉकों को पट्टे पर लेने के लिए करार हुए हैं। लेकिन कंपनी ने यह नहीं बताया कि ब्राजील में उसने कितने लौह अयस्क के लिए समझौता किया है।


हालांकि सूत्रों के मुताबिक वहां कम से कम 50 से 75 करोड़ टन लौह अयस्क का भंडार है।अलबत्ता कंपनी ने यह जरूर बताया कि ब्राजील में लौह अयस्क का पता लगाने में कम से 12 से 18 महीने का समय लग जाएगा।  जब भंडारों की सही स्थिति और  आकार  का पता चल जाएगा, उसे बाद ही कंपनी अयस्क निकालने के काम पर कोई फैसला लेगी।


कोलंबिया और मोजांबिक में कोयले का तकरीबन 10 से 11 करोड़ टन भंडार होने की संभावना है। यह कोयला मध्यम से उच्च श्रेणी का है। खदानों में कोकिंग और नॉन कोकिंग दोनों ही तरह का कोयला होने की संभावना है।


मोजांबिक में कंपनी के हाथ आई खदानों के नजदीक ही आर्सेलर मित्तल, टाटा स्टील और सीवीआरडी की कोयला परिरयोजनाएं हैं। आर्सेलर मित्तल के पास 45,000 हेक्टेयर और टाटा के पास 25,000 हेक्टेयर क्षेत्रफल की खदान है। जीएसएचएल को 30,000 हेक्टेयर क्षेत्रफल की खदान मिली है।


इस काम में जीएसएचएल की सहयोगी कंपनी इस्पात इंडस्ट्रीज भी हाथ बंटा सकती है। कंपनी भारत में 30 लाख टन क्षमता वाला इस्पात संयंत्र चला रही है। दोनों कंपनियां इसके लिए विशेष उद्देश्य वाली कंपनी भी बना सकती हैं। इस्पात इंडस्ट्रीज के पास भारत में खुद की कोई खदान नहीं है और जीएसएचएल के पट्टों से उसे काफी फायदा हो सकता है। लेकिन इस्पात के अधिकारियों ने इस मसले पर कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर  दिया।

First Published : March 22, 2008 | 12:42 AM IST