फोटो क्रेडिट: Commons
डिफेंस और एयरोस्पेस बनाने वाली सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) कथित तौर पर साइबर धोखाधड़ी का शिकार बन गई। स्कैमर्स ने खुद को अमेरिका की एक कंपनी बताकर HAL को ठग लिया और 55 लाख रुपये का भुगतान करवा लिया। यह धोखाधड़ी तब सामने आई जब HAL को पता चला कि पैसा गलत खाते में चला गया था। यह जानकारी न्यूज वेबसाइट Mint की एक रिपोर्ट के अनुसार मिली।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, HAL की कानपुर शाखा को साइबर अपराधियों ने एक ईमेल भेजा, जिसमें वे असली अमेरिकी डीलर PS Engineering Inc. बनकर आए। अधिकारियों ने ईमेल आईडी में एक छोटे लेकिन महत्वपूर्ण अंतर को नजरअंदाज कर दिया। स्कैमर्स ने “engineering” शब्द से एक “e” अक्षर हटा दिया था।
असली ईमेल आईडी थी gledbetter@ps-engineering.com, जबकि स्कैमर्स ने जो नकली ईमेल इस्तेमाल किया, वह था jlane@ps-enginering.com। इस बदले हुए ईमेल में नकली बैंक डिटेल्स भी थीं, जिसके कारण पैसा असली कंपनी के बजाय स्कैमर्स के खाते में चला गया।
मई 2024 में HAL ने PS Engineering Inc. से एयरक्राफ्ट पार्ट्स खरीदने के लिए बातचीत की थी। संभवतः स्कैमर्स इस बातचीत पर नजर रख रहे थे और बाद में उन्होंने एक नकली ईमेल भेजकर 63,405 डॉलर (लगभग 55 लाख रुपये) की मांग की। HAL ने इसे सही समझकर पैसा ट्रांसफर कर दिया। यह घोटाला तब सामने आया जब PS Engineering ने HAL को बताया कि उन्हें कोई भुगतान नहीं मिला। जांच करने पर HAL को पता चला कि इस्तेमाल किया गया ईमेल आईडी नकली था।
HAL कानपुर के अतिरिक्त महाप्रबंधक अशोक कुमार सिंह ने 13 मार्च को साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज की। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि यह धोखाधड़ी किसी दूसरी अमेरिकी कंपनी ने की या फिर यह किसी भारतीय इकाई का काम है। डीसीपी क्राइम अंजलि विश्वकर्मा ने न्यूज वेबसाइट NDTV को बताया कि ईमेल आईडी में मामूली अंतर की वजह से यह धोखाधड़ी हुई। उन्होंने कहा, “बीच में असली ईमेल को नकली ईमेल से बदल दिया गया था। बस एक ‘e’ अक्षर का अंतर था।”
बता दें कि HAL भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन काम करती है और इसका मुख्यालय कर्नाटक के बेंगलुरु में स्थित है। HAL का मुख्य उद्देश्य विमानों, हेलिकॉप्टरों, इंजनों और अन्य एयरोस्पेस उपकरणों का डिजाइन, विकास, निर्माण और रखरखाव करना है। यह कंपनी भारतीय सशस्त्र बलों के लिए महत्वपूर्ण योगदान देती है और स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देने में अपना योगदान दे रही है। HAL ने तेजस (Tejas), ध्रुव (Dhruv) जैसे कई विमान बनाए हैं। इसके अलावा, यह सुखोई Su-30 MKI और मिग (MiG) जैसे विदेशी विमानों का लाइसेंस प्राप्त उत्पादन भी करती है।