हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनैंस कॉर्पोरेशन (एचडीएफसी) नई आने वाली पूंजी के एक हिस्से से अन्य निवेशकों के साथ मिलकर रियल एस्टेट फंड बनाएगा, जिससे वित्तीय दबाव वाली परियोजनाओं का वित्तपोषण किया जा सके।
बैंक के वाइस चेयरमैन और मुख्य कार्यकारी केकी मिस्त्री ने कहा कि नई पूंजी का इस्तेमाल विलय व अधिग्रहण के वित्तपोषम और मौजूदा समूह के कारोबारों में निवेश के लिए भी होगा।
संस्थान को धन जुटाने के लिए अभी हिस्सेदारों से मंजूरी लेना बाकी है। उन्होंने कहा कि हिस्सेदारों से मंजूरी मिलने के बाद धन जुटाने की कवायद शीघ्र शुरू की जाएगी।
निवेश के इस्तेमाल के बारे में मिस्त्री ने कहा, ‘ये निवेश वित्तीय क्षेत्र में जारी रहेंगे, जो प्रमुख कारोबार है। इसमें एक चीज यह है कि हम रियल एस्टेट फंड बनाने पर विचार करेंगे।’ उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष 2021 के आखिर तक यह फंड मूर्त रूप ले लेगा। एचडीएपसी प्रस्तावित फंड के कामकाज में कोई सक्रिय भूमिका नहीं निभाएगा क्योंकि इससे कर्ज देने की गतिविधि के साथ हितों का टकराव होगा। वित्तीय संस्थान प्रस्तावित फंड में निवेश के रूप में धन लगाएगा। यह रियल एस्टेट फंड के लिए साझेदारों के साथ तालमेल करेगा, जिससे रियल एस्टेट क्षेत्र की दबाव वाली संपत्तियोंं का वित्तपोषण किया जा सके। कोविड महामारी आने के पहले से ही रियल एस्टेट क्षेत्र बुरे दौर से गुजर रहा है। बिक्री में गिरावट आई है और तैयार मकानों का भंडार बढ़ा है। विश्लेषकों का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान गहरे आर्थिक व्यवधान और उपभोग के तरीके में बदलाव की वजह से आने वाली तिमाहियों में मांग बुरी तरह प्रभावित होने की संभावना है।
पिछले साल भारत सरकार ने एक फंड का गठन किया था, जिससे फंसी हुई रियल एस्टेट परियोजनाओं का वित्तपोषण किया जा सके। इस फंड का प्रबंधन एसबीआईकैप वेंचर्स द्वारा किया जा रहा है। साथ ही एडलवाइज अल्टरनेटिव असेट एडवाइजर्स (ईएएए) और दक्षिण कोरिया की वित्तीय सेवाओं की दिग्गज मेरिज फाइनैंशियल ग्रुप वैकल्पिक संपत्ति कोष के गठन के लिए समझौता किया है, जो रियल एस्टेट के काम पूरे करने के लिए वित्तपोषण करेगा। पिछले सप्ताह शेयरधारकों को लिखे पत्र में एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने कहा था कि चल रहे संकट को देखते हुए एचडीएफसी समूह की फर्मों के पास विलय एवं अधिग्रहण (एमऐंडए) के माध्यम से वृद्धि का अवसर है। सहायक इकाइयों को ऐसा करने के लिए अतिरिक्त पूंजी तैयार करने की जरूरत होगी।
पारेख ने सालाना रिपोर्ट में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए लिखा, ‘हम अब ऐसी स्थिति की ओर बढ़ रहे हैं, जहां हमारे समूह की फर्मों के लिए विलय-अधिग्रहण का मौका हो सकता है।’