मुश्किलों के दौर से गुजर रही अमेरिकी दूरसंचार दिग्गज मोटोरोला एक बार फिर भारत की ओर देख रही है।
कंपनी सिंगापुर में मोबाइल फोन बनाने वाली अपनी इकाई बंद कर रही है। उसकी योजना इस इकाई को भारत में शुरू करने की है। इस काम के लिए लिए उसकी निगाहें चीन और थाईलैंड जैसे देशों पर भी लगी हुई हैं।
कंपनी के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक भारत में मोटोरोला की सबसे ज्यादा दिलचस्पी है। इसकी वजह कंपनी का चेन्नई संयंत्र है, जहां पहले ही मोबाइल फोन का उत्पादन हो रहा है। इसके अलावा भारत में कंपनी सालाना लगभग 12 करोड़ हैंडसेट बेचती है।
इस वक्त चेन्नई संयंत्र में कंपनी सीडीएमए और जीएसएम दोनों प्रकार के फोन बनाती है। हालांकि उसने इस बात का खुलासा कभी नहीं किया कि हर महीने वहां से कितने हैंडसेट बनाए जाते हैं। मोटोरोला अपनी बिक्री के आंकड़े भी नहीं बताती, लेकिन जानकारों की मानें, तो नोकिया और सैमसंग के बाद भारतीय मोबाइल फोन हैंडसेट बाजार में सबसे बड़ी हिस्सेदारी उसी की है।
कंपनी की प्रवक्ता लिन चान ने ईमेल के जवाब में सिंगापुर से कहा, ‘अभी हम इस बारे में कोई भी ब्योरा नहीं दे सकते। सिंगापुर वाले संयंत्र को हम कहां ले जाएंगे और कब तक ले जाएंगे, इस बारे में अभी सब कुछ तय नहीं हुआ है। यह काम कुछ चरणों में किया जाएगा और इस साल के अंत तक ही पूरा हो पाएगा।’
मोटोरोला दुनिया भर में अपने कारोबार में आ रही लागत में कम से कम 2,000 करोड़ रुपये की कटौती करने की योजना बना चुकी है। इसी के तहत सिंगापुर इकाई बंद करने का भी उसने ऐलान किया था। इसका असर कम से कम 700 कर्मचारियों पर पड़ेगा। हालांकि कंपनी का मानना है कि इससे उसके कारोबार में इजाफा होगा।
इससे पहले एक विज्ञप्ति में कंपनी ने सिंगापुर इकाई बंद करने की खबर की तस्दीक की। उसने कहा, ‘मोटोरोला इस बात की पुष्टि करती है कि सिंगापुर में मोबाइल फोन बनाने का संयंत्र बंद कर वह काम कंपनी के दूसरे संयंत्रों में शुरू कर दिया जाएगा। यह काम चरणों में किया जाएगा।’
कंपनी के मुताबिक यह काम दीर्घकालिक योजना के तहत किया जा रहा है। इससे कंपनी का ढांचा मजबूत होगा और उपभोक्ताओं को बेहतर उत्पाद और सेवाएं मिलेंगी।