दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट निर्माता कंपनी लाफार्ज एसए ने लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी) का रेडी मिक्स कंक्रीट (आरएमसी) कारोबार चाहे खरीद लिया हो, लेकिन बाजार में उसका दबदबा उसके बाद भी कायम नहीं हो पाएगा।
विश्लेषकों के मुताबिक फ्रांस की कंपनी लाफार्ज की मुख्य प्रतिद्वंद्वी होलसिम इस मामले में भारत के बाजार में उससे मीलों आगे ही रहेगी। लाफार्ज ने इसी हफ्ते एलऐंडटी का यह कारोबार लगभग 1,480 करोड़ रुपये में खरीदा। लेकिन होलसिम से आगे निकलने का उसका ख्वाब इसके बाद भी पूरा नहीं हो पाएगा।
विश्लेषकों की मानें, तो सीमेंट के कारोबार में भारत में अव्वल नंबर की कंपनी होलसिम अपनी रणनीति के कारण दौड़ में आगे ही रहेगी। इसकी सबसे बड़ी वजह दोनों कंपनियों के रवैयों में फर्क होना है। एक स्थानीय ब्रोकरेज फर्म से जुड़े विश्लेषक ने कहा, ‘दरअसल होलसिम की नीति उसके प्रमोटर तय करते हैं और उनकी वजह से ही कंपनी तेजी से अधिग्रहण कर अपना दायरा बढ़ा रही है। दूसरी ओर लाफार्ज का कामकाज पेशेवर प्रबंधक कर रहे हैं, जो बिल्कुल अलग अंदाज में काम करते हैं।’
होलसिम देश की सबसे बड़ी सीमेंट निर्माता कंपनी एसीसी और इस क्षेत्र की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी अंबुजा सीमेंट्स का अधिग्रहण कर चुकी है। उसने 6,400 करोड़ रुपये से ज्यादा के इन अधिग्रहण सौदों के साथ ही एक चौथाई भारतीय सीमेंट बाजार पर कब्जा कर लिया। भारत में सालाना 1,890 लाख टन सीमेंट का बाजार है। इसमें लगभग 25 फीसद बाजार होलसिम के पास है। इसके उलट लाफार्ज महज 55 लाख टन सीमेंट बनाती है।
हालांकि लाफार्ज को भारत के बाजार में कदम रखे अरसा हो चुका है। उसने 1999 में यहां आकर टाटा स्टील का सीमेंट कारोबार खरीदा और 2001 में रेमंड का सीमेंट संयंत्र भी खरीद लिया। दोनों अंतरराष्ट्रीय दिग्गज अमेरिका और विकसित बाजारों में मंदी की मार झेल रही हैं। इसी वजह से वे उभरते हुए बाजार पर ध्यान लगा रही हैं। दोनों की बिक्री में 40 फीसद से भी ज्यादा की हिस्सेदारी उभरते हुए बाजारों की ही है।
होलसिम अपनी सीमेंट उत्पादन क्षमता में 5 साल के भीतर 150 लाख टन का इजाफा करने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए उसने 10,000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है, जिसके तहत संयंत्र लगाए जाएंगे। लाफार्ज 2011 तक अपनी क्षमता दोगुनी कर लगभग 120 लाख टन तक पहुंचाने की योजना पर काम कर रही है।
एलऐंडटी का कंक्रीट कारोबार खरीदने के साथ ही आरएमसी के मामले में लाफार्ज पहले नंबर पर पहुंच गई है। देश भर में अब उसके पास 66 आरएमसी संयंत्र हैं। आरएमसी कारोबार में जरूर वह होलसिम से आगे निकल गई है क्योंकि होलसिम के पास केवल 21 आरएमसी संयंत्र हैं।
सीमेंट कारोबार में इस समय कीमतें काफी ऊंची चल रही हैं। ऐसे में लाफार्ज स्थानीय सीमेंट कंपनियां खरीदने के लिए ज्यादा बड़ी बोली शायद ही लगाएगी। विश्लेषकों के मुताबिक इस बाजार में मंदी आएगी।
…सीमेंट के बाजार में होड़
होलसिम ने भारत के सीमेंट बाजार में बना रखी है एक चौथाई हिस्से पर पकड़
लाफार्ज एलऐंडटी का आरएमसी कारोबार खरीदकर हुई मजबूत, पर सीमेंट में होलसिम की ही पैठ
विस्तार होगा दिलचस्प