अभी तक तो होटल के कमरे की बुकिंग आसानी से करवाना एक सपने के जैसा था, लेकिन अब यह सपना सच होने जा रहा है।
आज से एक साल बाद तीन बड़े शहरों- हैदराबाद, चेन्नई और बेंगलुरु, में होटल के कमरों की मांग से ज्यादा उनकी उपलब्धता होगी।क्रिसिल शोध रिपोर्ट के अनुसार, इन शहरों में कमरों की अधिक उपलब्धता के चलते इनके ऊंचे किरायों में कमी आएगी, इस बात को अमेरिकन एक्सप्रेस द्वारा करवाए गए अध्ययन, जिसे सिडनी में हाल ही में विमोचित किया गया, का भी समर्थन मिला है।
सबसे अधिक बदलाव चेन्नई में देखा जाएगा, जहां कमरों की आपूर्ति 15 प्रतिशत की हालिया मांग से बढ़कर 30 प्रतिशत हो जाएगी।बेंगलुरु में, जहां मांग सिर्फ 20 प्रतिशत की रहेगी, वहां आपूर्ति 27 प्रतिशत हो जाएगी। हैदराबाद में 29 प्रतिशत की आपूर्ति के मुकाबले मांग सिर्फ 15 प्रतिशत रहेगी।
रिपोर्ट की यह बातें कारोबारी और फुर्सत के पलों को ढूंढ़ते हुए पर्यटकों को बेहद राहत देंगी, क्योंकि कमरों की अधिकता के चलते प्रतिस्पर्धा का माहौल पैदा होगा और इससे कमरे की औसत दर (एआरआर) में कमी आएगी।
तेज होती रफ्तार
कमरों की अधिकता के पीछे इन शहरों में बड़े रियल एस्टेट कारोबारियों का होटल उद्योग में आर्थिक तेजी के मद्देनजर निवेश कर रहे हैं और नए बड़े कारोबारी गंतव्यों के यप में इन शहरों का चेहरा बदल रहा है।
इन शहरों में पाइपलाइन में आगे बढ़ रही और विभिन्न चरणों को पार कर चुकी बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं पर एक नजर। निर्माण के विभिन्न चरणों में 39 होटलों के साथ बेंगलुरु में आज की तुलना में 2,300 के स्थान पर 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 2008-09 में 3000 होटल के कमरे उपलब्ध होंगे।
हैदराबाद में 38 प्रतिशत की वृध्दि के साथ 2008-09 में 2,200 होटल के कमरे उपलब्ध होंगे, जबकि आज इनकी संख्या 1,600 है। कमरों की संख्या तीन, चार और पांच सितारा होटलों में आज की 3500 से दोगुनी होकर 2011-12 में 7000 हो जाएगी।
उच्च श्रेणी की होटल शृंखला जैसे कि हिल्टन, आईटीसी, ताज और पार्क हयात सब मिलकर 2012 में लगभग 15 नई परिसंपत्तियों को शामिल कर लेंगे। चेन्नई में, फिलवक्त 19 होटल निर्माणाधीन हैं, आज के 1,650 होटल कमरों की तुलना में 45 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 2,400 कमरें उपलब्ध होंगे।
कम होते किराए
इन शहरों में होटल के कमरों के पर्यटकों की संख्या में भी कमी दिखाई देगी। उदाहरण के लिए, हैदराबाद में होटलों के कमरों की बुकिंग के 72 प्रतिशत के स्तर से गिर कर 64 प्रतिशत रह जाएगी और बेंगलुरु में फिलहाल का 75 प्रतिशत का स्तर 5 प्रतिशत की कमी के साथ 70 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच जाएगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, कमरे का औसत किराया (एआरआर) इन तीन शहरों में लगभग 6 से 10 प्रतिशत तक कम हो जाएगा। हांलांकि सभी कमरों की अधिकता की वजह से किरायों में कमी की बात से सहमत नहीं है। हैदराबाद के एक पांच सितारा होटल के एक अधिकारी ने कहा, ‘कमरे का औसत किरया हो सकता है कि कम हो जाए, लेकिन इस क्षेत्र के बड़े होटल हो सकता है कि वे किरायों में कमी न करने के निर्णय पर अडिग रहें।
उदाहरण के लिए शांगरी-ला ने सिंगापुर में कमरों की अधिकता के चलते भी अपने कमरों के किराए में कमी नहीं की है।’ दी लीला के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, राजीव कौल का कहना है, ‘मुझे नहीं लगता कि मांग और आपूर्ति में थोड़े से अंतर से कोई बड़ा असर पड़ेगा। कमरों के किराए कुछ समय के लिए हो सकता है कि प्रभावित हों, लेकिन हमें पूरी उम्मीद है कि लंबे समय में ऐसी कोई उम्मीद नहीं है।’