हैवलेट-पैक्कार्ड (एचपी) से अधिग्रहण के लिए खुली पेशकश मिलने के बाद इलेक्ट्रॉनिक डाटा सिस्टम (ईडीएस) के स्वामित्व वाली ऐमफेसिस लिमिटेड के शेयरों की कीमत में 10 फीसदी का इजाफा हुआ है।
एचपी ने ईडीएस को खरीदने के लिए प्रतिशेयर 1000 रुपये या कुल 55,600 रुपये खर्च करने की पेशकश की है। सूचना तकनीकी क्षेत्र में सेवा प्रदान करने वाली एमफेसिस में ईडीएस की 61 फीसदी हिस्सेदारी है। टेक्सास स्थित भारतीय इकाई में (एमफेसिस समेत) 27 हजार से भी ज्यादा कर्मचारी कार्य करते हैं। जबकि एचपी इंडिया में 29 हजार कर्मचारी हैं। इस अधिग्रहण को दोनों ही कंपनियों के निदेशक मंडलों से मंजूरी भी मिल चुकी है।
कंपनी ने कहा,’इस अधिग्रहण से ईडीएस की बाकी सहायक कंपनियों पर असर पड़ेगा या नहीं अभी इस बारे में कुछ भी कहनाजल्दबाजी ही होगी। लेकिन ईडीएस की सहायक कंपनियां हमारी बिक्री और विपणन नीति का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।’ भारत की बात करे तो विश्लेषकों का मानना है कि इस करार से एचपी को फायदा होगा। क्योंकि एचपी अभी आउटसोर्सिंग व्यापार के क्षेत्र में कदम जमाने वाली है।
जबकि एचपी की प्रतिद्विंद्वी कंपनी आईबीएम इस क्षेत्र में काफी बड़ी योजनाओं पर काम कर रही है। एचपी को अभी तक सिर्फ दो बैंकिग डील ही मिल पाई हैं और दोनों ही डील इतनी बड़ी नहीं हैं। आईटी अनुसंधान और सलाहकार कंपनी गार्टनर के उपाध्यक्ष एली यंग ने कहा, ‘ईडीएस के अधिग्रहण के साथ एमफेसिस का मिलना एचपी के लिए भारत और विश्व में अपना व्यापार बढ़ाने एक बड़ा अवसर है। दरअसल एचपी अपने सेवा व्यापार को बढ़ाने के लिए काफी मशक्कत कर रही है।’
विश्लेषकों के अनुसार ईडीएस का अधिग्रहण भारतीय आईटी कंपनियों के लिए जागने का संकेत है। क्योंकि अगर बाजार में हिस्सेदारी की बात करे तो आईबीएम के बाद 3 फीसदी हिस्सेदारी पर कब्जा किये हुए ईडीएस का ही नंबर आता है। एचपी 2.3 फीसदी हिससेदारी के साथ पांचवें स्थान पर है। साल 2008 के अंत तक इस अधिग्रहण की सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली जाने की संभावना है।