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सेमीकंडक्टर क्षेत्र में बड़ा निवेश तलाश रहा भारत, चीन को मात देने की हो रही तैयारी

सेमीकंडक्टर क्षेत्र में बड़ा निवेश तलाश रहा भारत, चीन को मात देने की हो रही तैयारी

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सुरजीत दास गुप्ता   
Last Updated- August 02, 2023 | 9:10 PM IST

भारत में लैपटॉप और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों में निवेश के लिए वै​श्विक कंपनियों को आकर्षित करने के उद्देश्य से संचार मंत्री अ​श्विनी वैष्णव अमेरिका की नामी प्रौद्योगिकी एवं सेमीकंडक्टर कंपनियों के प्रमुखों से मुलाकात करेंगे। इन कंपनियों में एचपी (HP), डेल (Dell), इंटेल (Intel), गूगल (Google) आदि शामिल हैं।

सरकार उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना और सेमीकंडक्टर योजना के जरिये बहुराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी एवं सेमीकंडक्टर कंपनियों को आक​र्षित करना चाहती है। इन दोनों योजनाओं के तहत कंपनियों को प्रोत्साहन दिया जाता है।

भारत की 76,000 करोड़ रुपये की सेमीकंडक्टर पीएलआई योजना के तहत सेमीकंडक्टर फैब प्लांट और डिस्प्ले विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए परियोजना की कुल लागत के 50 फीसदी के बराबर वित्तीय मदद दी जाती है।

अप्रैल में ऐपल (Apple) भारत से 5 अरब डॉलर से अ​धिक ​का माल निर्यात करने वाली पहली कंपनी बन गई। यह उपलब्धि उस समय आई है, जब कंपनी चीन पर अपनी निर्भरता घटाना चाहती है।

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बिज़नेस स्टैंडर्ड ने पहले खबर दी थी कि सरकार देश में करीब 1 अरब डॉलर के निवेश से असेंबली, परीक्षण, मार्किंग एवं पैकेजिंग (ATMP) प्लांट स्थापित करने के माइक्रॉन टेक्नोलॉजी के प्रस्ताव को मंजूरी देने वाली है। यह दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी सेमीकंडक्टर कंपनी है। अमेरिका की यह कंपनी दुनिया भर में बन रहे अपने वेफर्स की प्रोसेसिंग के लिए इस संयंत्र का उपयोग करेगी।

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मेमरी और स्टोरेज तकनीक में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में शामिल माइक्रॉन का कारोबार 30.8 अरब डॉलर का है। अमेरिका, जापान, मले​शिया, सिंगापुर, ताइवान और चीन में उसके कुल 11 विनिर्माण संयंत्र हैं।

भारतीय मूल के संजय मेहरोत्रा माइक्रॉन का नेतृत्व कर रहे हैं। वह बिट्स पिलानी के पूर्व छात्र हैं। माइक्रॉन अपना एक सेमीकंडक्टर पैकेजिंग प्लांट स्थापित करने के लिए पिछले करीब एक साल से दुनिया भर में जगह तलाश रही थी।

First Published : May 9, 2023 | 4:08 PM IST