इंडिया ट्रांजैक्ट लगाएगी एचपी के साथ मल्टी-फंक्शन कियोस्क

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 06, 2022 | 10:02 PM IST

रिटेल क्षेत्र में अपनी भूमिका बढ़ाने के लिए कियोस्क निर्माता कंपनी इंडिया ट्रांजैक्ट ने ग्राहकों के लेन-देन को आसान बनाने के लिए मल्टी-फंक्शन कियोस्क स्थापित करने की योजना बनाई है।


350 करोड़ रुपये की पूंजी वाले एजीएस समूह की इकाई ट्रांजैक्ट इंडिया ने हिन्दुस्तान पेट्रोलियम के साथ भागीदारी की है और इन कियोस्क के लिए एक्सेंचर जैसी बीपीओ सेवा प्रदाता कंपनियां और सिनेमैक्स जैसे मल्टीप्लेक्स के साथ बातचीत कर रही है।


कंपनी इस उद्देश्य के लिए अगले 6 महीनों में 50 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है। इंडिया ट्रांजैक्ट के व्यापार प्रमुख अमित टंडन ने कहा, ‘सेल्फ-सर्विस कियोस्क के जरिये लेन-देन में कम समय लगेगा। हमने एक ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित करने की कोशिश की है जो उपभोक्ताओं के अनुकूल हो। भारत में कियोस्क संस्कृति को बढ़ने में कम से कम पांच वर्ष लगेंगे लेकिन हम इसका शुरुआती फायदा उठाना चाहते हैं।’


लेन-देन के लिए कियोस्क मॉडल को अपनाने वाली अन्य कंपनियों में जीएसएम कंपनी वोडाफोन भी शामिल है। इंडिया ट्रांजैक्ट की प्रतिस्पर्धी कंपनी एनसीआर भी मोबाइल बिल की अदायगी के लिए कियोस्क की राह पर चल पड़ी है। वैसे, कियोस्क बाजार के लिए अभी कोई ठोस आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, लेकिन कुछ कंपनियां कियोस्क समर्थित अपनी रणनीति को बढ़ावा दे रही हैं। रिलायंस मनी ऑनलाइन ट्रेडिंग के लिए इंडिया ट्रांजैक्ट के साथ मिलकर लगभग 10,000 कियोस्क स्थापित कर रही है।


टंडन ने कहा, ‘सेल्फ-सर्विस कियोस्क का मुख्य उद्देश्य उन ग्राहकों को एक आसान ई-कॉमर्स मंच मुहैया कराना है जो इंटरनेट की पहुंच से दूर हैं।’ एचपीसीएल के क्लब आउटलेटों पर अपने कियोस्क के लिए ट्रांजैक्ट ने क्रेडिट कार्ड भुगतान के लिए वीजा के साथ गठजोड़ किया है। कंपनी ने ट्रेवल बुकिंग के लिए ट्रेवल गुरु और यात्रा के साथ, खरीदारी के लिए रीडिफ, बैंकिंग के लिए इंडसइंड और मोबाइल टॉप-अप्स के लिए ऑक्सीजन के साथ गठजोड़ किया है।

First Published : May 7, 2008 | 11:26 PM IST