भारत अपने ऊर्जा बदलाव की रफ्तार को तेज करने के लिए महत्त्वपूर्ण खनिजों के आयात पर बेहद निर्भर है। खासकर लीथियम, कोबाल्ट एवं निकल के लिए देश पूरी तरह आयात पर निर्भर है।
इंस्टिट्यूट फॉर एनर्जी इकनॉमिक्स एंड फाइनैंशियल एनालिसिस की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की महत्त्वपूर्ण खनिजों की मांग 2030 तक दोगुनी से अधिक होने की उम्मीद है जबकि घरेलू खनन कार्यों को उत्पादन शुरू करने में एक दशक से अधिक समय लग सकता है।
भारत को इन जरूरी खनिजों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय संबंधों को संतुलित करने और संभावित व्यापार जोखिमों को कम करने के लिए सावधानीपूर्वक तैयार की गई आयात रणनीति अपनाने की जरूरत है।