भारतीय दवा बाजार को त्वचा संबंधी देखभाल खंड के 11 से 12 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है। इस पर भरोसा जताते हुए इस खंड में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली कंपनियों ने नए उत्पाद और विज्ञान पर आधारित दवाइयों पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बनाई है।
प्रदूषण के कारण त्वचा की बढ़ती समस्याएं, सौंदर्य संबंधी त्वचा विज्ञान प्रक्रियाओं की बढ़ती मांग, लोगों के खर्च करने योग्य आय बढ़ने और बढ़ती जनसंख्या के कारण ये वृद्धि हो रही है।
त्वचा विज्ञान के लिए बाजार का आकार 13,299 करोड़ रुपये (फार्माट्रैक के अप्रैल 2024 के आंकड़ों के मुताबिक) आंका गया है और यह सालाना 8 फीसदी की चक्रवृद्धि दर से बढ़ रहा है।
भारतीय दवा बाजार में त्वचा विज्ञान श्रेणी के बढ़ने का कारण प्रदूषण के कारण त्वचा की बढ़ती समस्याएं, सौंदर्य संबंधी त्वचा विज्ञान प्रक्रियाओं की बढ़ती मांग, लोगों के खर्च करने योग्य आय बढ़ने और बढ़ती जनसंख्या को बताया जा रहा है।
त्वचाविज्ञान के भविष्य के बारे में एलेम्बिक फार्मास्युटिकल्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (फाइनैंस ऐंड अकाउंट्स और इन्वेस्टर रिलेशन) अजय कुमार देसाई ने कहा, ‘भारत में त्वचाविज्ञान खंड तेजी से बढ़ने के लिए तैयार है। पूरे उद्योग के लिए उच्च एक अंक में वृद्धि की उम्मीद है और बालों एवं मॉइस्चराइजर श्रेणियों में दो अंकों की दमदार वृद्धि हो सकती है।
एलेम्बिक फार्मास्युटिकल्स में हम इन प्रमुख क्षेत्रों पर अपने ध्यान के साथ इस रुझान का लाभ उठाने के लिए अच्छी स्थिति में हैं और हम आने वाली तिमाहियों में इस खंड में नए उत्पाद पेश करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।’