उद्योग

Real estate: भारत में बढ़ रही लोगों की आमदनी, अगले 10 सालों में 10 करोड़ और घरों की होगी जरूरत

Real estate: यह मांग तेजी से बढ़ती हुई भारतीय अर्थव्यवस्था में घर खरीदने की इच्छा रखने वाले लोगों की संख्या बढ़ने के कारण है।

Published by
बीएस वेब टीम   
Last Updated- June 13, 2024 | 4:02 PM IST

भारत में आने वाले दशक में घरों की मांग बढ़ने वाली है। एक अनुमान के अनुसार इस दौरान देश के बड़े बिल्डरों को 10 करोड़ नए घर बनाने पड़ सकते हैं। यह मांग तेजी से बढ़ती हुई भारतीय अर्थव्यवस्था में घर खरीदने की इच्छा रखने वाले लोगों की संख्या बढ़ने के कारण है।

मुंबई के एक बड़ी बिल्डर कंपनी के CEO का कहना है कि अगले 10 सालों में लगभग 7 करोड़ भारतीय परिवार घर खरीदने के लायक हो जाएंगे। साथ ही पुराने घरों को बदलने की इच्छा रखने वाले लोगों को मिलाकर कुल 10 करोड़ नए घरों की जरूरत पड़ सकती है।

पीएम मोदी ने कही आवास और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में फोकस की बात

नरेंद्र मोदी ने रविवार को लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्होंने विकास पर फोकस करने का वादा किया है, खासकर आवास और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में। रियल एस्टेट कंसल्टिंग फर्म नाइट फ्रैंक का अनुमान है कि बढ़ती आय के चलते घरों की बढ़ती मांग अगले 10 सालों में 906 बिलियन डॉलर का आर्थिक उत्पादन जनरेट करेगी।

दक्षिण एशियाई देशों में, खासकर भारत में, महामारी के बाद से संपत्ति का बाजार गर्म हो गया है। साल 2023 कम से कम 15 सालों में घरों की बिक्री के लिए सबसे अच्छा साल रहा है। इस तेजी के चलते लोधा ब्रांड नाम से काम करने वाली कंपनी मक्रोटेक ने मार्च तिमाही में अपनी अब तक की सबसे ज्यादा बिक्री की है।

हालांकि, 2023 में लगभग 6 लाख नए घर बनाए गए थे, फिर भी मांग इतनी ज्यादा है कि आने वाले 10 सालों में इतनी तेजी से घर बनाने के बाद भी 10 करोड़ घरों की मांग को पूरा करना मुश्किल होगा।

Macrotech Developers कर रहा विस्तार

Macrotech Developers, जिसे पॉश इलाकों में अपनी गेटेड सोसाइटी के लिए भी जाना जाता है, ने पिछले साल टेक हब बेंगलुरु में प्रवेश किया और मुंबई, भारत की वित्तीय राजधानी से लगभग 150 किलोमीटर दूर पुणे शहर में विस्तार किया।

कंपनी DLF Ltd. के बाद बाजार मूल्य के हिसाब से दूसरी सबसे बड़ी लिस्टेड रियल एस्टेट डेवलपर है और इसके शेयर इस साल अब तक 43 प्रतिशत से अधिक बढ़ चुके हैं, जबकि NSE निफ्टी रियल्टी इंडेक्स में 40 प्रतिशत की बढ़त हुई है।

लोढ़ा का कहना है कि घरों की बढ़ती मांग “15 साल से भी ज्यादा लंबी साइकल” है। उनका मानना है कि अभी हम इस साइकल के केवल चौथे साल में हैं और भारत के अर्थव्यवस्था में रियल एस्टेट को उसका असली स्थान मिलने में अभी काफी लंबा रास्ता बाकी है। (ब्लूमबर्ग के इनपुट के साथ)

First Published : June 13, 2024 | 4:02 PM IST