पिछले छह वर्षों में महिलाओं के प्लेसमेंट में छह फीसदी की बढ़ोतरी हुई है जो कार्यबल में अधिक महिलाओं के जुड़ने के रुझान को दर्शाता है। करियरनेट की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले छह वर्षों में महिलाओं का प्लेसमेंट 26 फीसदी से बढ़कर 32 फीसदी हो गया। करियरनेट द्वारा प्लेसमेंट कराए गए हर तीन अभ्यर्थियों में से एक महिला है और यह छह वर्षों में सबसे अधिक प्रतिनिधित्व और पिछले दो वर्षों में इस तरह के स्थिर रुझान को दर्शाता है।
विभिन्न सेक्टर के हिसाब से विश्लेषण करने पर अंदाजा मिलता है कि बीएफएसआई जीसीसी पिछले तीन वर्षों में महिलाओं की भर्ती करने के मामले में सबसे आगे रहे हैं और यह वर्ष 2022 में 40 फीसदी, वर्ष 2023 में 43 फीसदी और 2024 में 44 फीसदी तक रही है जबकि अन्य क्षेत्रों के जीसीसी ने भी महिला अभ्यर्थियों के लिए एक स्थिर मांग दिखाई है।
करियरनेट की ‘दी स्टेट ऑफ वुमन इम्प्लॉयमेंट इन इंडिया’ सालाना रिपोर्ट में कई वर्षों के दौरान विभिन्न शहरों में महिलाओं के प्लेसमेंट का जायजा लिया गया है और इसके अलावा इस रिपोर्ट में इस बात का जिक्र भी है कि किन क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है और विभिन्न अनुभव के स्तर पर भर्ती का रुझान कैसा रहा है।
लोकेशन के आधार पर भर्ती के रुझान देखें तो महिलाओं की भर्ती के लिहाज से बेंगलूरु (32 फीसदी), दिल्ली/एनसीआर (28 फीसदी) और हैदराबाद (27 फीसदी) सबसे आगे हैं। पिछले दो वर्षों की तुलना में बड़ा बदलाव दिख रहा है क्योंकि इससे पिछले वर्षों के दौरान महिलाओं की भर्ती के लिहाज से हैदराबाद (34 फीसदी), पुणे (33 फीसदी), बेंगलूरु (30 फीसदी) और चेन्नई (30 फीसदी) जैसे शहर आगे थे।
हालांकि वर्ष 2024 में टीयर1 शहरों में मुंबई में महिलाओं का प्लेसमेंट सबसे कम 25 फीसदी दर्ज किया गया। वहीं दिल्ली/एनसीआर ने 2024 में ऊपरी स्तर का रुझान दिखा और यह 2024 में 28 फीसदी के स्तर पर पहुंच गया जो वर्ष 2023 में 20 फीसदी और 2022 में 22 फीसदी था। टीयर 2 और अन्य शहरों में महिला उम्मीदवारों की भर्ती में पिछले तीन वर्षों में 5 फीसदी की स्थिर वृद्धि देखी गई है। उद्योगों ने भी भर्ती के इन रुझानों में अहम भूमिका निभाई है। आईटी सेवा क्षेत्र ने 29-30 फीसदी की स्थिर भागीदारी दर बनाए रखी है जो कार्यबल में महिला-पुरुषों की विविधता को बरकरार रखने की दिशा में निरंतर किए जा रहे प्रयासों को दर्शाता है।
रिपोर्ट संकेत देता है कि स्टार्टअप ने वर्ष 2022 से वर्ष 2024 तक महिलाओं की भर्ती में 9 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की। यह एक समावेशी काम का माहौल तैयार करने की दिशा में स्टार्टअप के सक्रिय रवैये को दर्शाता है। हालांकि घरेलू उद्यमों ने एक साल पहले की तुलना में कैलेंडर वर्ष 2024 में महिलाओं की भर्ती में करीब 5 फीसदी की गिरावट का अनुभव किया जो इस खंड में नए प्रयासों की आवश्यकता को उजागर करता है।
रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं की भर्ती में फ्रेशर्स का दबदबा अधिक रहता है और 2023 से इनकी भर्ती में करीब 2 फीसदी की गिरावट आई है। करीब 3 से 12 साल के अनुभव वाले मध्यम स्तर के पदों पर महिलाओं का प्लेसमेंट स्थिर रहा है जो साल दर साल 23 फीसदी और 27 फीसदी के बीच रहा है। वहीं 12 वर्ष से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ स्तर की भर्ती में 1 फीसदी की गिरावट आई है और यह 2024 में 19 फीसदी के स्तर पर पहुंच गया है।
हालांकि दीर्घावधि का रुझान काफी संभावनाओं से भरा है और 2022 के बाद से 2 फीसदी की वृद्धि के साथ नेतृत्व की भूमिकाओं में महिलाओं के लिए बढ़ते अवसरों के संकेत मिलते हैं। करियरनेट के सीबीओ नीलाभ शुक्ला ने कहा, ‘भारत में महिलाओं के रोजगार का परिदृश्य प्रगति के साथ उन क्षेत्रों को भी दर्शाता है जहां निरंतर कोशिश करने की आवश्यकता है। स्टार्टअप और टीयर 2 शहरों में महिलाओं की भर्ती में बढ़ोतरी समावेशी नजरिये की तरफ सकारात्मक बदलाव को दर्शाता है।’
इस रिपोर्ट के लिए करियरनेट ने 2019 और 2024 के बीच हर वर्ष 30,000 प्लेसमेंट नमूनों का विश्लेषण किया जिसे करियरनेट के कुल प्लेसमेंट डेटा से लिया गया है।