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Instagram पर आपका बच्चा कहीं अडल्ट कंटेंट तो नहीं देखता? अब Meta का AI रखेगा निगरानी, लगाएगा लगाम

इसमें यह जांचा जाएगा कि अकाउंट कब बनाया गया, यूजर किस तरह का कंटेट देखता या पसंद करता है और प्रोफाइल में दी गई जानकारी क्या है।

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ऋषभ राज   
Last Updated- April 21, 2025 | 9:22 PM IST

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम ने बच्चों की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए एक नया कदम उठाया है। इसकी मूल कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म्स ने घोषणा की है कि अब इंस्टाग्राम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करके यह पता लगाएगा कि किशोर अपनी उम्र के बारे में सही जानकारी दे रहे हैं या नहीं। साथ ही इसमें यह भी ध्यान रखा जाएगा कि टीनएजर्स इंस्टाग्राम पर किस प्रकार का कंटेट देख रहे हैं।  यह कदम बच्चों और टीनएजर्स के लिए ऑनलाइन अनुभव को सुरक्षित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

मेटा ने बताया कि कंपनी पहले से ही AI का उपयोग लोगों की उम्र का अनुमान लगाने के लिए करती रही है। लेकिन अब इंस्टाग्राम उन अकाउंट पर विशेष नजर रखेगा, जिनके बारे में शक है कि वे किशोरों के हैं, भले ही उन्होंने साइन-अप के समय गलत जन्मतिथि क्यों न दी हो। अगर AI को लगता है कि कोई यूजर अपनी उम्र छुपा रहा है, तो उसका अकाउंट अपने आप टीन अकाउंट में बदल जाएगा। टीन अकाउंट में वयस्क अकाउंट की तुलना में ज्यादा प्रतिबंध होते हैं।

टीन अकाउंट में सख्त नियम

टीन अकाउंट को डिफॉल्ट रूप से प्राइवेट रखा जाता है। इसमें किशोर केवल उन लोगों से प्राइवेट मैसेज कर सकते हैं, जिन्हें वे फॉलो करते हैं या जिनसे पहले से जुड़े हैं। इसके अलावा, संवेदनशील सामग्री जैसे झगड़े के वीडियो या कॉस्मेटिक प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने वाले पोस्ट को सीमित किया जाएगा। मेटा ने यह भी कहा कि अगर कोई किशोर 60 मिनट से ज्यादा समय तक इंस्टाग्राम पर सक्रिय रहता है, तो उसे नोटिफिकेशन मिलेगा। साथ ही, रात 10 बजे से सुबह 7 बजे तक ‘स्लीप मोड’ शुरू हो जाएगा, जिसमें नोटिफिकेशन बंद हो जाएंगे और डायरेक्ट मैसेज का ऑटो-रिप्लाई भेजा जाएगा।

कैसे काम करेगा AI?

मेटा के अनुसार, AI यूजर्स की गतिविधियों को देखकर उनकी उम्र का अनुमान लगाएगा। इसमें यह जांचा जाएगा कि अकाउंट कब बनाया गया, यूजर किस तरह का कंटेट देखता या पसंद करता है और प्रोफाइल में दी गई जानकारी क्या है। मेटा का कहना है कि यह तकनीक बच्चों की सुरक्षा के लिए जरूरी है। इसके साथ ही, कंपनी माता-पिता को नोटिफिकेशन भेजकर यह सलाह देगी कि वे अपने बच्चों से सही उम्र देने के महत्व पर बात करें।

बढ़ती चिंताओं का जवाब

सोशल मीडिया के बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। कई देशों में उम्र सत्यापन के लिए नए कानून लाने की कोशिश हो रही है, हालांकि इनका सामना अदालती चुनौतियों से हो रहा है। मेटा और अन्य कंपनियां चाहती हैं कि उम्र सत्यापन की जिम्मेदारी ऐप स्टोर पर डाली जाए।

First Published : April 21, 2025 | 6:44 PM IST