वित्तीय वर्ष 2024/25 में भारत सरकार जनरल इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (GIC) और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) जैसी सरकारी बीमा कंपनियों में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। यह खबर सूत्रों के हवाले से आई है। सूत्रों का कहना है कि यह फैसला निवेशकों की रुचि को परखने के बाद लिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, GIC के लिए किए गए निवेशक रोड शो में अच्छा रिस्पांस मिला है। सरकार किस्तों में अपनी 10% हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है।
10% हिस्सेदारी की बिक्री एक निश्चित समय में की जाएगी और उम्मीद है कि इससे सरकार को शुक्रवार के शेयर मूल्य के हिसाब से करीब 57 अरब रुपये मिलेंगे। गौर करने वाली बात ये है कि पिछले छह महीनों में GIC के शेयरों में करीब 45% की बढ़ोतरी हुई है।
वहीं, भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में भी सरकार चरणबद्ध तरीके से हिस्सेदारी बेचेगी। 2022 में लिस्टिंग के बाद से 7 साल में 10% और 10 साल में 25% हिस्सेदारी बेचने का लक्ष्य बरकरार है। हालांकि, ये बिक्री “छोटी-छोटी किस्तों” में की जाएगी, जो LIC के शेयर बाजार प्रदर्शन और निवेशकों की दिलचस्पी पर निर्भर करेगा। बता दें कि पिछले छह महीनों में LIC के शेयरों में भी 58% उछाल आया है।
LIC में सरकार की हिस्सेदारी बिक्री का सिलसिला जारी रह सकता है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार अब LIC की अतिरिक्त 1.5% हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। गौर करें कि LIC के आईपीओ के दौरान सरकार ने कंपनी का 3.5% हिस्सा बेचा था। अब ये नई 1.5% हिस्सेदारी बेचने का मकसद LIC को इंडेक्स फंड में शामिल करना है।
हालांकि, सूत्र ने ये भी बताया है कि इतनी बड़ी मात्रा में हिस्सेदारी को “छोटी-छोटी किस्तों” में बेचा जाएगा। शुक्रवार को LIC के शेयर बंद भाव के हिसाब से ये बिक्री सरकार को करीब 92 अरब रुपये जुटाने में मदद कर सकती है। फिलहाल, वित्त मंत्रालय से इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं मिली है। (रॉयटर्स के इनपुट के साथ)