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विधानसभा चुनाव : गलत सूचना से निपटने के लिए ट्विटर तैयार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 6:41 AM IST

भारत के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर, ट्विटर ने फर्जी सूचनाओं को रोकने तथा नुकसानदेह सामग्री पर रोक लगाने के लिए अपनी टीम का विस्तार किया। कंपनी ने अपनी तकनीक एवं पॉलिसी में भी बदलाव किया है। ट्विटर में वरिष्ठ निदेशक (सार्वजनिक नीति एवं परोपकार) कैथलीन रीन ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से ई-मेल में कहा, ‘हमारी सिविक इंटिग्रिटी पॉलिसी के अनुरूप, हम (1) प्रक्रियाओं के बारे में गलत या भ्रामक जानकारी वाली सामग्री (2) झूठी सूचना जो लोगों को चुनाव में भाग लेने और मतदान करने से वंचित करती है, और (3) एक राजनीतिक उम्मीदवार या पार्टी के साथ उनकी संबद्धता को गलत तरीके से पेश करने वाले खातों की सामग्री को हटाएंगे।’
असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, और पुदुच्चेरी में हैशटैग असेंबलीइलेक्शन2021 शुरू होने के साथ ट्विटर यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर भारत के सांस्कृतिक संदर्भ को ध्यान में रखते हुए इससे होने वाले ऑनलाइन एवं भौतिक दुनिया को होने वाले नुकसान से बचा जा सके।
चुनाव स्थानीय हों या राष्ट्रीय स्तर के, सभी के लिए सोशल मीडिया गतिविधियां दुनिया भर की सरकारों के लिए चिंता का विषय रही हैं। राजनीतिक चेहरों पर हमला करने के लिए गलत सूचनाओं को प्रसारित करने से लेकर चुनावी परिणामों में बदलाव को प्रभावित करने तक सोशल मीडिया कंपनियों एवं सरकारों के बीच तकरार जारी है। रीन कहती हैं, ‘हम चुनावी चर्चा को लक्षित करने वाले संदिग्ध ट्वीट को पहचानने और समाप्त करने को लेकर सतर्क हैं। चुनावों से पहले और पूरे चुनावों में, हम चुनाव से जुड़ी असंगत सामग्री के खिलाफ सक्रिय तौर पर निगरानी रखेंगे।’
चुनावों के लिए विशिष्ट पेज
आगामी चुनावों मद्देनजर, ट्विटर मतदान के दिनों और चुनाव परिणामों के दिन के लिए विधानसभा चुनावों के लिए समर्पित एक पेज शुरू करेगा। इस पेज पर मतदान तथा चुनाव परिणामों की नवीनतम जानकारी उपलब्ध कराने के लिए विश्वसनीय अकाउंट  से किए जाने वाले ट्वीट शामिल होंगे। कंपनी ने बताया, ये पेज भारत में खाता धारकों को दिखाई देंगे और चुनाव अवधि के दौरान विभिन्न प्रकार के समाचार भागीदारों से लगातार अपडेट होते रहेंगे। चुनाव सूचना प्रोम्प्ट उपयोगकर्ताओं को बांग्ला, तमिल, मलयालम, असमिया, हिंदी और अंग्रेजी सहित छह भाषाओं में उपलब्ध होगा। यह उपयोगकर्ताओं को चुनाव संबंधी अन्य जानकारियां जैसे उम्मीदवार सूचियों, मतदान की तारीखें, मतदान केंद्रों और ईवीएम मतदाता पंजीकरण के बारे में विश्वसनीय और आधिकारिक जानकारी हासिल करने में मदद करेगा।
प्लेटफॉर्म सामग्री को इस आधार पर भी देखेगा कि क्या संबंधित सामग्री को साझा करने का संदर्भ एवं सामग्री में तालमेल है या उसमें कोई बदलाव या हेरफेर की गई है। ट्विटर ने अपनी पोस्ट में कहा, ‘जब लोग किसी हेरफेर वाली मीडिया सामग्री को संबंधित लेबल के साथ साझा करने का प्रयास करेंगे तो उन्हें सूचना की विश्वसनीयता के बारे में बताता हुआ एक संकेत दिखाई देगा। भ्रामक जानकारी साझा करने वाले ट्वीट को ट्विटर के एल्गोरिद्म द्वारा पहचानकर अलग कर दिया जाएगा और उनकी दृश्यता को कम किया जाएगा।’ साल 2019 से राजनीतिक विज्ञापनों पर लगा प्रतिबंध अभी भी जारी रहेगा। कंपनी ने कहा, ट्वीट को  बेचना/खरीदना या ट्वीट, लाइक, मेंशन, ट्विटर पोल वोट आदि की खरीदारी (अकाउंट मेट्रिक इन्फ्लेशन) आदि को नीति का उल्लंघन माना जाएगा तथा उस पर कार्रवाई की जाएगी।
ट्विटर ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा, ‘इस तरह के व्यवहार में संलग्न होने वाले खातों का स्थायी निलंबन हो सकता है। हमने चुनावों से जुड़ी असंगत जानकारी एवं नेटवर्क गतिविधियों का पता लगाने के लिए सक्रिय तौर पर कार्य कर रहे हैं।’
संदर्भ के हिसाब से सामग्री
ट्रेंडिंग हैशटैग के गलत तरीके से इस्तेमाल को रोकने के लिए, ट्विटर रीप्रिजेंटेटिव ट्वीट, ट्विटर मोमेंट या टॉप ट्रेंड्स का विवरण दिखाएगा। ट्विटर कुछ ऐसे शब्दों पर भी रोक लगाएगा, जो ट्रेंड सेक्शन के नियमों का उल्लंघन करते हैं।
टीम का विस्तार
ट्विटर ने कहा, ‘स्थानीय, सांस्कृतिक और भाषाई  विशेषज्ञता के साथ एक वैश्विक क्रॉस-फंक्शनल टीम चुनाव के समय इस कार्य को करेगी। उनकी भूमिका प्लेटफॉर्म पर हेरफेर करने के प्रयासों और हिंसा, दुव्र्यवहार और धमकियों को उकसाने या नुकसान पहुंचाने की संभावना वाली सामग्री से सुरक्षित रखना है।’

First Published : March 24, 2021 | 11:18 PM IST