सॉफ्टवेयर एज अ सर्विस (सास) क्षेत्र के एक प्रमुख विलय-अधिग्रहण सौदे के तहत एनवाईएसई में सूचीबद्ध कंपनी जेनडेस्क का अधिग्रहण 10.2 अरब डॉलर में किया गया। हालांकि सौदे का आकार समान निवेशक समूह द्वारा पहले की गई 17 अरब डॉलर की पेशकश के मुकाबले कम है लेकिन इससे दुनिया भर में सास फर्मों में दिलचस्पी और उसकी क्षमता का पता चलता है। सास स्टार्टअप बड़े निवेश आकर्षित कर रहे हैं जबकि ऐसे अन्य क्षेत्रों में स्थिति अधिक उत्साहजनक नहीं है।
वेंचर इंटेलिजेंस के आंकड़ों के अनुसार, कैलेंडर वर्ष 2022 (अब तक) में सास स्टार्टअप ने 1.8 अरब डॉलर जुटाए हैं। उनके द्वारा 16 जून तक जुटाई गई रकम 2021 (जनवरी से जून) में जुटाए गए 1.54 अरब डॉलर के मुकाबले अधिक है और यह 2019 की पहली छमाही में जुटाए गए 37.4 करोड़ डॉलर से कहीं अधिक है। वॉल्यूम के मोर्चे पर भी सास क्षेत्र 143 सौदों के साथ सूची में सबसे ऊपर है। उद्योग प्रतिभागियों और वेंचर कैपिटल फर्मों का कहना है कि भारतीय सास बाजार एक परिपक्व स्तर तक पहुंच चुका है और यहां का उत्पाद परिवेश भी परिपक्व हो चुका है। भारत के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर क्लाउड को अपनाए जाने से सास कंपनियों की स्वीकार्यता कई गुना बढ़ गई है। पिछले साढ़े तीन साल के दौरान भारत में सास यूनिकॉर्न की संख्या महज दो से बढ़कर 20 हो चुकी है। केवल 2022 के पहले चार महीनों के दौरान भारत ने इस सूची में चार यूनिकॉर्न जोड़े हैं। बेसेमर वेंचर पार्टनर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय सास बाजार का आकार 2030 तक 50 अरब डॉलर हो जाएगा।
यह इस तथ्य से स्पष्ट है कि 2021 में सॉफ्टवेयर उत्पाद स्टार्टअप की संख्या बढ़कर 2,000 हो गई जिनमे 1,000 सास कंपनियां थीं। आईटी कंपनियों के संगठन नैसकॉम का मानना है कि वित्त वर्ष 2022 में सॉफ्टवेयर उत्पाद स्टार्टअप, सास, उद्यम डिजिटलीकरण और एसएमसी से करीब 13.3 अरब डॉलर का राजस्व प्राप्त होगा।