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आईटी उद्योग को बाइडन से उम्मीद

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 9:26 AM IST

भारत के प्रौद्योगिकी उद्योग ने अमेरिका के नए राष्ट्रपति जोसेफ बाइडन द्वारा आव्रजन एवं एच1बी वीजा मामले में अपने रुख पर कायम रहने का स्वागत किया है। समझा जाता है कि बाइडन अमेरिकी कांग्रेस में एक विधेयक पेश करेंगे जिसमें ग्रीन कार्ड आधारित रोजगार के लिए प्रति देश सीमा को खत्म करने का प्रस्ताव होगा। इन सब से भारतीय आईटी पेशेवरों को मदद मिलने की उम्मीद है।
आईटी कंपनियों की प्रतिनिधि संस्था नैसकॉम ने आज एक बयान जारी कर कहा, ‘राष्ट्रपति बाइडेन ने व्यापार एवं आव्रजन पर एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है। साथ ही उन्होंने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में दिलचस्पी को नए सिरे से पुनर्जीवित किया है। हम हानिकारक नियामकीय नीतियों की समीक्षा करने और उनमें आवश्यक बदलाव करने की उनकी प्रतिबद्धता की सरहना करते हैं।’ डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन ने एच1बी वीजा कार्यक्रम में कई प्रतिकूल बदलाव किए थे और उन पर तमाम तरह की पाबंदियां लगा दी थी। भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियरों द्वारा अमेरिका जाने के लिए आमतौर पर एच1बी वीजा का उपयोग किया जाता है।
कई तिमाहियों से तमाम ज्ञापन दिए जाने के बावजूद ट्रंप प्रशासन ने कई नियम लाए थे जैसे अधिकतम वेतन के आधार पर एच1बी वीजा आवंटन के लिए पेशेवरों का चयन किया जाएगा, विदेशी पेशेवरों को अधिक वेतन का भुगतान करना, एच1बी उद्देश्यों के लिए नियोक्ता एवं कर्मचारी के बीच संबंधों को नए सिरे से परिभाषित करना आदि।
बुधवार को एक ज्ञापन में बाइडेन प्रशासन ने इनमें से कुछ प्रावधानों को वापस ले लिया अथवा उन पर रोक लगा दी गई।
इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री काउंसिल के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्याधिकारी जेसन ऑक्समैन ने कहा, ‘आधुनिक अमेरिकी आव्रजन प्रणाली नवाचार को आगे बढ़ाती है।’ उन्होंने कहा, ‘बाइडेन-हैरिस प्रशासन की की संभावित कार्रवाई से आव्रजन सुधारों में महत्त्वपूर्ण और उल्लेखनीय निवेश करेगा जिससे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी, डिजिटल अर्थव्यवस्था की मांगों को सफलतापूर्वक पूरा किया जा सकेगा। इसमें उच्च कुशल पेशेवरों और उनके परिवारों के लिए विस्तारित वीजा कार्यक्रम भी शामिल है।’ नैसकॉम ने कहा कि प्रौद्योगिकी क्षेत्र के सामने एक महत्त्वपूर्ण चुनौती अमेरिका में स्टेम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग एवं गणित) में प्रतिभाओं की कमी है। कुल मिलाकर उच्च स्तर की बेरोजगारी और 13 जनवरी तक 7,50,000 से अधिक रिक्तियों (मई 2020 के बाद करीब 20 फीसदी की वृद्धि) से यह स्पष्ट तौर पर उजागर होता है। नैसकॉम ने अपने बयान में कहा है, ‘अमेरिका में उच्च स्तर की बेरोजगारी के बावजूद उच्च तकनीक कौशल की मांग दमदार बनी हुई है। इससे स्पष्ट होता है कि इन पदों को भरने के लिए उपयुक्त कौशल वाले पर्याप्त पेशेवर नहीं हैं। पिछले प्रशासन द्वारा घोषित नियमों से प्रतिभा की यह खाई कहीं अधिक गहरी हुई है। नैसकॉम इन मुद्दों पर अमेरिकी नीति निर्माताओं के साथ सक्रिय तौर पर जुड़ा हुआ है और हम स्टेम कौशल में खाई को पाटने के लिए समाधान तलाशने के लिए नए अमेरिकी प्रशासन े साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं।’

First Published : January 21, 2021 | 11:54 PM IST