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नई भर्तियों पर IT फर्मों की सुस्त चाल, वित्त वर्ष 25 में कैंपस हायरिंग कम होने की आशंका

विशेषज्ञों ने कहा कि तकनीकी विश्वविद्यालयों में कई आईटी कंपनियां इस बार नहीं पहुंच रही है और अब जनवरी-मार्च तिमाही के बाद ही कुछ हलचल दिख सकती है।

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शिवानी शिंदे   
Last Updated- October 22, 2023 | 11:00 PM IST

नई भर्तियों पर सूचना-प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों की चाल सुस्त पड़ गई है क्योंकि देश का आईटी क्षेत्र आर्थिक अनिश्चितताओं का सामना कर रहा है। वित्त वर्ष 2024 में तकनीकी संस्थानों के परिसरों में हुईं भर्तियां अब तक के सबसे निचले स्तर पर हैं, वहीं वित्त वर्ष 2025 के लिए बड़ी भारतीय आईटी कंपनियां कदम आगे नहीं बढ़ा रही हैं।

विशेषज्ञों ने कहा कि तकनीकी विश्वविद्यालयों में कई आईटी कंपनियां इस बार नहीं पहुंच रही है और अब जनवरी-मार्च तिमाही के बाद ही कुछ हलचल दिख सकती है। मानव संसाधन विशेषज्ञ एवं प्लेसमेंट प्रमुखों का कहना है कि 2023 बैच का ही अभी प्लेसमेंट पूरा नहीं हो पाया है। उदाहरण के लिए टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने वित्त वर्ष 2024 में परिसरों से 40,000 भर्तियां करने की बात जरूर कही है मगर उसने यह भी माना है कि इन लोगों की नियुक्ति में वक्त लग सकता है।

हालात टटोलने के लिए बिज़नेस स्टैंडर्ड ने कुछ तकनीकी संस्थानों से बात की। इन संस्थानों ने कहा कि कुछ भारतीय आईटी कंपनियों ने परिसर आकर छात्रों को नौकरियों के ऑफर देने की बात तो कही है मगर किसी ने भी आने का ठोस आश्वासन नहीं दिया। इसका मतलब यह निकाला जा सकता है कि 2025 में पढ़ाई पूरी करने वाले छात्रों के लिए हालात 2024 के छात्रों की तुलना में सुखद रहेंगे।

केवल एक्सेंचर ने भर्तियों पर कुछ ठोस आश्वासन दिया है। सूत्रों ने कहा कि एक्सेंचर ने 18,000 लोगों की भर्तियों के लिए कहा है। मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा, ‘एक्सेंचर 2022 के शुरू से ही भर्तियों में थोड़ी सुस्त रही है। यही कारण है कि कंपनी ने नई भर्तियों पर अपना रुख साफ कर दिया है। अब वह भर्तियों की रफ्तार बढ़ाना चाहती है। मगर कुछ दूसरी कंपनियां परिसर जाकर नए लोगों को नौकरियां देने में जल्दबाजी करती नहीं दिख रहीं।’

ऐसी अनिश्चितता पहले भी दिख चुकी है। एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘मुझे याद है कि जिस साल लीमन संकट आया था उस साल आईटी कंपनियों ने परिसरों में जाकर बड़ी संख्या में नौकरियां बांटी थीं मगर जब नियुक्ति की बात आई तो मामला बिगड़ गया। नतीजा यह हुआ कि अगले साल परिसरों में काफी कम कंपनियां नौकरियां बांटने गईं। यह 2008 की तरह ही था।’

कॉलेजों में नौकरियां ऑफर करने की प्रक्रिया दो हिस्सों में बंटी होती है। सबसे पहले बड़ी (प्रीमियर) कंपनियां गैर-तकनीकी कर्मचारियों की भर्ती करती हैं और उसके बाद आईटी कंपनियां नए लोगों को लेकर जाती हैं। वित्त वर्ष 2024 के लिए प्रीमियर कंपनियों का भर्तियों का आंकड़ा 5,000 से 10,000 के बीच है। हायरप्रो के मुख्य परिचालन अधिकारी एस पशुपति कहते हैं,’प्रीमियर श्रेणी में भी संख्या कम रह सकती है। कहने के लिए भर्तियां तो हो रही हैं मगर अच्छे वर्ष की तुलना में 15-20 फीसदी कम हैं। 2018 और 2019 से तुलना करें और फिर मौजूदा वर्ष पर विचार करें तो मैं यही कहूंगा कि इस समय आईटी सेवाएं 30-40 फीसदी कमतर हैं।’

विप्रो ने कहा है कि उसने हाल में परिसरों में नौकरियों की पेशकश तो की है मगर इस साल वह शायद नए लोगों को लेने नहीं जाएगी। इन्फोसिस ने भी कहा है कि उसने वित्त वर्ष 2023 में बड़ी संख्या में भर्तियां की है इसलिए इस साल वह नौकरियां बांटने संस्थानों के परिसरों में नहीं जाएगी और हालात का जायजा लेती रहेगी। एक्सेंचर को भेजे ई-मेल का कोई जवाब नहीं आया।

First Published : October 22, 2023 | 9:57 PM IST