Categories: आईटी

ट्राई की सिफारिश का विरोध

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 7:57 PM IST

दूरसंचार ऑपरेटरों ने साफ तौर पर कहा है कि 3300 से 3670 मेगाहट्र्ज बैंड में 5जी स्पेक्ट्रम के लिए दूरसंचार नियामक ट्राई द्वारा सिफारिश की गई आधार कीमत व्यवहार्य 5जी नेटवर्क के परिचालन के लिए पर्याप्त नहीं है। ट्राई ने 317 करोड़ रुपये आधार मूल्य रखने की सिफारिश की है जो 2018 में सुझाए गए 492 करोड़ रुपये के मुकाबले करीब एक तिहाई (36 फीसदी) कम है।
एक प्रमुख दूरसंचार कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘हमारा मानना है कि दूरसंचार कंपनियों द्वारा एक व्यवहार्य 5जी कारोबार खड़ा करने के लिए आधार मूल्य 2018 के मुकाबले एक तिहाई होना चाहिए। लेकिन नियामक ने उसमें महत एक तिहाई कटौती की है। यदि ऐसा नहीं किया गया तो कारोबार का कोई मतलब नहीं होगा और नकदी प्रवाह पर उसका कोई सकारात्मक प्रभाव नहीं दिखेगा। ऐसे में हमें डर है कि कुल भुगतान की रकम बढ़ सकती है। नियामक ने महज आधा रास्ता पार किया है। शेष काम सरकार को करना होगा।’
दूरसंचार नियामक ने 20 वर्षों की लाइसेंस वैधता के लिए आधार मूल्य में कटौती की सिफारिश की है। जबकि 5जी स्पेक्ट्रम की पेशकश 30 वर्षों के लिए की जा रही है जिसके लिए आधार मूल्य 2018 के मुकाबले महज 476 करोड़ रुपये प्रति मेगाहट्र्ज कम है।
दूरसंचार ऑपरेटरों के संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने ट्राई की सिफारिशों से असहमति जताते हुए कहा है कि देश को डिजिटल तौर पर कनेक्टेड करने के लिए हाल में दूरसंचार क्षेत्र के लिए सरकार द्वारा घोषित सुधारों को ट्राई की सिफारिशें एक कदम पीछे ले जाएंगी।
सीओएआई का कहना है कि सरकार ने 30 वर्षों के लिए 5जी स्पेक्ट्रम आवंटित करने का निर्णय लिया है जबकि ट्राई ने 20 वर्षों के लिए आरक्षित मूल्य की सिफारिश की है। ट्राई ने कहा है कि यदि 30 वर्षों के लिए स्पेक्ट्रम का आवंटन होता है तो आधार मूल्य डेढ़ गुना हो जाएगा। संगठन ने एक बयान में कहा, ‘यदि कोई देश भर में 3.5 गीगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम के लिए कीमत पर गौर करता है तो प्रभावी तौर पर कोई बदलाव नहीं दिखता है और साल 2021 में केंद्रीय कैबिनेट द्वारा दी गई राहत निष्प्रभावी हो जाती है।’
सीओएआई ने 5जी स्पेक्ट्रम के आधार मूल्य में 2018 के मुकाबले 90 फीसदी की भारी कटौती की मांग की है। उसका कहना है कि इससे 5जी  के लिए आधार मूल्य को वैश्विक नीलामी मूल्य के करीब लाया जा सकेगा। दूरसंचार कंपनियों ने कहा है कि मौजूदा कटौती के बावजूद 5जी स्पेक्ट्रम का आधार मूल्य ब्रिटेन में 5जी के नीलामी मूल्य के मुकाबले करीब 11.5 गुना अधिक है। इसी प्रकार यह ऑस्ट्रेलिया के मुकाबले करीब 14 गुना और स्पेन के मुकाबले 35 गुना अधिक है।
दूरसंचार कंपनियों का कहना है कि नियामक ने स्पेक्ट्रम के लिए मूल्य निर्धारण के तरीके में कोई बदलाव नहीं किया है। उनका कहना है कि नियामक ने इस बार भी उसी फॉर्मूले का इस्तेमाल किया है जिसका उपयोग 2018 में किया गया था। इस बार आधार मूल्य की गणना 70 फीसदी मूल्यांकन के आधार पर की गई है जबकि 2018 में 80 फीसदी के आधार पर की गई थी।

First Published : April 12, 2022 | 11:17 PM IST