जामनगर होगा सबसे बड़ा नाम

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 5:00 PM IST

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) जामनगर में अपना तीसरा तेलशोधन संयंत्र लगाने की योजना बना रही है।


मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली यह कंपनी इसके साथ ही जामनगर में अपनी कुल तेल शोधन क्षमता 10 करोड़ मीट्रिक टन सालाना तक पहुंचा देगी। दुनिया भर में किसी एक ही स्थान पर तेल शोधन की यह सबसे बड़ी क्षमता होगी।


इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए कंपनी ने एक बड़ी अंतरराष्ट्रीय तेल एवं रिफाइनरी सलाहकार कंपनी को नियुक्त किया है। यह कंपनी इस परियोजना की संभाव्यता का अध्ययन करेगी। माना जा रहा है कि इससे कच्चे तेल के शोधन की अंतरराष्ट्रीय क्षमता का अच्छा खासा विस्तार हो जाएगा।


जामनगर में कंपनी की 3.3 करोड़ मीट्रिक टन सालाना क्षमता वाली रिफाइनरी पहले से ही मौजूद है। यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी रिफाइनरी है। देश भर की तेल शोधन क्षमता का 22.6 फीसदी हिस्सा इसी रिफाइनरी में मौजूद है। कंपनी इसी के बगल में 2.9 करोड़ मीट्रिक टन सालाना क्षमता वाली एक और रिफाइनरी लगा रही है।


खास तौर पर निर्यात के लिए लगाई जा रही इस रिफाइनरी को सहायक कंपनी रिलायंस पेट्रोलियम लिमिटेड (आरपीएल) के बैनर तले निर्मित किया जा रहा है। इस साल के अंत तक यह रिफाइनरी काम करना शुरू कर देगी।आरआईएल यदि अपनी तेल शोधन क्षमता को 10 करोड़ मीट्रिक टन तक पहुंचाना चाहती है, तो उसे तीसरी रिफाइनरी की क्षमता कम से कम 3.8 करोड़ मीट्रिक टन सालाना करनी होगी।


सलाहकार कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस योजना की तस्दीक की। वह अध्ययन से जुड़े हुए हैं। लेकिन उन्होंने विस्तार से कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रवक्ता ने तो ऐसी कोई योजना होने की बात तक से साफ इनकार किया।


सूत्रों के मुताबिक अभी यह परियोजना शैशवावस्था में है। अभी इसके बारे में अंतिम फैसला भी नहीं लिया गया है। अभी यह भी तय नहीं हो पाया है कि तीसरी रिफाइनरी आरआईएल या आरपीएल के बैनर तले बनाई जाएगी या उसके लिए किसी तीसरी सहायक कंपनी का गठन किया जाएगा।


आरपीएल की पिछले वित्त  वर्ष की वार्षिक रिपोर्ट में रिफाइनरी क्षमता की बढ़ती मांग का जिक्र किया गया था। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी का हवाला देते हुए रिपोर्ट में बताया गया था कि दुनिया भर में 2011 तक तेल शोधन क्षमता में लगभग 58 करोड़ मीट्रिक टन सालाना का इजाफा करना होगा। जाहिर है, तेल छानने का बाजार गर्म है। इसी वजह से रिलायंस इसका पूरा फायदा उठाना चाहती है।


पिछले 3 साल में भी तेल शोधन के मामले में मुनाफा काफी बढ़ा है। इसमें भी आरआईएल की हिस्सेदारी बहुत अधिक रही है। कुछ समय तक तेल शोधन करने वाली कंपनियों के वारे न्यारे रहने वाले हैं, जिसका पूरा फायदा आरआईएल उठाएगी।

First Published : March 25, 2008 | 12:25 AM IST