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JSW ग्रुप और दक्षिण कोरिया के पॉस्को ने मिलाया हाथ, भारत में स्टील प्लांट और बैटरी सामग्री पर फोकस

दोनों पक्ष ईवी से संबंधित बैटरी सामग्री तथा प्रस्तावित एकीकृत इस्पात संयंत्र की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाएं तलाशेंगे।

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भाषा   
Last Updated- October 29, 2024 | 11:38 AM IST

जेएसडब्ल्यू समूह ने भारत में 50 लाख टन प्रतिवर्ष क्षमता का संयंत्र विकसित करने तथा बैटरी सामग्री व नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में अवसर तलाशने के लिए दक्षिण कोरिया स्थित पॉस्को समूह के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने की मंगलवार को घोषणा की।

जेएसडब्ल्यू समूह ने बयान में कहा, ‘‘जेएसडब्ल्यू समूह ने भारत में इस्पात, बैटरी सामग्री व नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में सहयोग की रूपरेखा तैयार करते हुए पॉस्को समूह के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।’’

बयान में कहा गया, दोनों पक्ष इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) से संबंधित बैटरी सामग्री तथा प्रस्तावित एकीकृत इस्पात संयंत्र की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाएं तलाशेंगे।

जेएसडब्ल्यू समूह के चेयरमैन सज्जन जिंदल ने कहा, ‘‘पॉस्को के साथ यह समझौता ज्ञापन भारतीय इस्पात उद्योग में योगदान देने की हमारी यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है। दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में भारत सतत विकास के लिए जबरदस्त अवसर प्रस्तुत करता है और पॉस्को के साथ हमारी साझेदारी उस बदलाव को आगे बढ़ाने के लिए जेसीडब्ल्यू की प्रतिबद्धता को मजबूत करती है।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘साथ मिलकर, हमारा लक्ष्य प्रौद्योगिकी और स्थिरता में एक ऐसा मानक स्थापित करना है जो भारत तथा उसके बाहर विनिर्माण के भविष्य को आकार दे सके।’’ यह साझेदारी भारत में 50 लाख टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) की प्रारंभिक क्षमता वाले एक एकीकृत इस्पात संयंत्र की स्थापना पर केंद्रित होगी।

पॉस्को के चेयरमैन चांग इन-ह्वा ने कहा, ‘‘यह सहयोग कोरिया और भारत की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देगा। साथ ही अधिक पर्यावरण अनुकूल और टिकाऊ भविष्य की दिशा में हमारे संयुक्त प्रयासों को आगे बढ़ाएगा।’’

First Published : October 29, 2024 | 11:37 AM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)