स्विट्जरलैंड की दवा कंपनी ला रोश कैंसर की दवा टर्सेवा के विवाद में दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा दिया है।
नामी दवा कंपनी सिप्ला से संबंधित इस मामले में एकल पीठ के फैसले के खिलाफ वह उच्च न्यायालय में पहुंचर् गई है।सिप्ला भारतीय बाजार में टार्सेवा बेच रही थी। ला रोश का कहना है कि इस दवा का पेटेंट पहले ही उसके पास है और सिप्ला द्वारा इसकी बिक्री पेटेंट का उल्लंघन है।
न्यायमूर्ति मनमोहन सरीन की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने कंपनी की ओर से अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यह मामला रखा। उन्होंने मामले की सुनवाई जल्द से जल्द कराने की दरख्वास्त की, ताकि उनकी मुवक्किल को आर्थिक नुकसान न हो।
रोश की भारतीय कंपनी रोश साइंटिफिक कंपनी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक गिरीश तेलंग ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हमने आज एक अपील दाखिल की है और अदालत शायद इसकी सुनवाई इसी महीने की 21 तारीख को करेगा। देश के कानून में हमें पूरा भरोसा है और हमें न्याय मिलने की उम्मीद है।’इससे पहले उच्च न्यायालय की ही एकल पीठ ने इसे जनहित का मामला मानते हुए सिप्ला को कैंसर की विवादित दर्वाई बेचने का अधिकार दे दिया था।