लाफार्ज भारत में भी अब मजबूत करेगी बुनियाद

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 11:04 AM IST

दुनिया की सबसे नामी सीमेंट निर्माता कंपनियों में शुमार फ्रांस की लाफार्ज ने भारत में भी अब अपनी बुनियाद मजबूत करने का फैसला किया है।


कंपनी ने देश में एक क्षेत्रीय सीमेंट कंपनी के तौर पर अपनी छवि को पूरी तरह बदलने की योजना बनाई है, जिसके तहत वह देश भर में अपनी इकाइयां खोलेगी और उत्पादन क्षमता में भी जबरदस्त इजाफा करेगी।

लाफार्ज ने अपनी उत्पादन क्षमता में अगले 5 साल के दौरान अच्छा खासा इजाफा करते हुए कुल क्षमता 2 करोड़ टन के आंकड़े तक पहुंचाने का फैसला किया है। इस कवायद पर वह तकरीबन 4,300 करोड़ रुपये की रकम खर्च करेगी।

एलऐंडटी के रेडी मिक्स कंक्रीट का कारोबार खरीदने के बाद कंपनी की भारतीय कंक्रीट बाजार में तकरीबन 25 फीसद की हिस्सेदारी हो गई है। इसीलिए अब वह सीमेंट में भी ऐसी ही हिस्सेदारी हासिल करने की कोशिश कर रही है। लाफार्ज की योजना विभिन्न राज्यों में कम से कम तीन नई सीमेंट इकाई लगाने की है। प्रत्येक इकाई की उत्पादन क्षमता कम से कम 25 लाख टन सालाना होगी। बताया जा रहा है कि ये इकाइयां राजस्थान, कर्नाटक और मेघालय में स्थापित की जाएंगी।

नई इकाइयों के साथ ही लाफार्ज अल्ट्राटेक सीमेंट और अंबुजा सीमेंट को टक्कर देने की हालत में आ जाएगी। इन दोनों सीमेंट कंपनियों की क्षमता क्रमश: 2.1 करोड़ टन और 1.9 करोड़ टन है। हालांकि स्विट्जरलैंड की कंपनी होल्सिम के मुकाबले लाफार्ज को अभी बहुत आगे जाना होगा। फिलहाल लाफार्ज की उत्पादन क्षमता महज 55 लाख टन सालाना है और उसे क्षेत्रीय कंपनियों में ही शुमार किया जाता है। लेकिन कंपनी चोला बदलने के लिए छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में अपनी परियोजनाएं शुरू कर रही है। इससे उसकी उतपादन क्षमता लगभग 1.2 करोड़ टन हो जाएगी।

हिमाचल संयंत्र शुरू होने के साथ ही उत्तर भारत के बाजार में लाफार्ज की पकड़ मजबूत हो रही है। दूसरी ओर झारखंड और छत्तीसगढ़ संयंत्र उसे पूर्वी बाजार में अच्छी हिस्सेदारी दिला रहे हैं। राजस्थान की इकाई शुरू होते ही पश्चिम और मध्य भारत में लाफार्ज का नाम बड़ा हो जाएगा। कर्नाटक इकाई से उसे दक्षिण भारत में पैठ बनाने में मदद मिलेगी। होल्सिम की पूर्वोत्तर भारत में अब तक कोई भी इकाई नहीं है। सीमेंट उत्पादन के मामले में यह क्षेत्र वैसे भी काफी पिछड़ा हुआ है। यहां कुल मिलाकर 10 लाख टन सीमेंट का भी उत्पादन नहीं होता है।

लाफार्ज की विस्तार योजना कई जानकारों को अचंभे में डालने वाली भी है। दरअसल मंदी की वजह से ज्यादातर सीमेंट कंपनियां अपनी विस्तार योजनाओं को ठंडे बस्ते में डाल रही हैं, लेकिन लाफार्ज रफ्तार पकड़ने पर आमादा है। जानकारों के मुताबिक लाफार्ज भविष्य पर निगाह गड़ाए हुए है क्योंकि सीमेंट का कारोबार आगे जाकर खासा नफा देने वाला है। लाफार्ज घरेलू कंपनियों के अधिग्रहण का विकल्प भी साथ लेकर चल रही है। इसी साल मई में उसने होल्सिम को पछाड़ते हुए एलऐंडटी का रेडी मिक्स कंक्रीट कारोबार 1,480 करोड़ रुपये में खरीदा था।

First Published : July 15, 2008 | 12:45 AM IST