Photo Credit: Ruby Sharma
सरकारी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने वित्तीय वर्ष 2024 में सभी शीर्ष समूहों में अपनी हिस्सेदारी कम करके शेयर बाजार में तेजी का भरपूर फायदा उठाया है। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, हिस्सेदारी कम करने के बावजूद, सभी समूहों में इसकी बची हुई हिस्सेदारी का मूल्य काफी हद तक बढ़ गया है।
इस साल मार्च तक के शेयरहोल्डिंग डेटा के मुताबिक, मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनियों में एलआईसी का निवेश सबसे ज्यादा है, इसके बाद टाटा और अदाणी ग्रुप की कंपनियां का नंबर आता हैं। शुक्रवार को बाजार बंद होने तक, शीर्ष समूहों में एलआईसी का निवेश 37.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 4.39 लाख करोड़ रुपये है।
मुकेश अंबानी ग्रुप की कंपनियों में एलआईसी के निवेश का मूल्य सबसे ज्यादा 1.5 लाख करोड़ रुपये था, जो पिछले वर्ष की तुलना में 34.2 प्रतिशत अधिक है। एलआईसी ने रिलायंस ग्रुप की कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी 6.37 प्रतिशत से घटाकर 6.19 प्रतिशत कर दी।
एलआईसी ने इस साल मार्च तक टाटा समूह की कंपनियों में भी अपनी हिस्सेदारी घटाकर 4.05 प्रतिशत कर दी, लेकिन इसका मूल्य बढ़कर 1.29 लाख करोड़ रुपये हो गया। जून तिमाही का शेयरहोल्डिंग डेटा अभी उपलब्ध नहीं है।
एलआईसी ने अदाणी ग्रुप की कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी 4.27 प्रतिशत से घटाकर 3.76 प्रतिशत कर दी है। इसकी हिस्सेदारी का मूल्य शुक्रवार तक 49.2 प्रतिशत बढ़कर 64,414 करोड़ रुपये हो गया।
Also read: हिंडनबर्ग ने प्रकाशन से दो माह पहले Adani से संबंधित रिपोर्ट अपने ग्राहक से साझा की: SEBI
बाजार विश्लेषकों का कहना है कि शेयर बाजारों में तेजी के साथ, सरकार को एलआईसी में अपनी 96.5 प्रतिशत हिस्सेदारी का एक हिस्सा बेचने पर विचार करना चाहिए ताकि प्राप्त राशि का उपयोग विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा बनाने में किया जा सके।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के को-फाउंडर रामदेव अग्रवाल ने कहा, “भारत सरकार विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों (PSUs) में अपने निवेश के साथ सोने की खान पर बैठी है। अगर वह एलआईसी में 20-25 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचती है, तो वह इस आय का उपयोग बुनियादी ढांचे के निर्माण या अन्य उद्देश्यों के लिए कर सकती है।”
शुक्रवार तक एलआईसी का कुल बाजार मूल्य 6.42 लाख करोड़ रुपये था।
(साथ में समीर मुलगांवकर)