इस्पात सम्राट एलएन मित्तल, फ्रांसीसी कंपनी टोटल तथा सार्वजनिक क्षेत्र की हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (एचपीसीएल), ऑयल इंडिया और गेल का संयुक्त उपक्रम आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में 24,000 करोड़ रुपये के निवेश से सालाना 1.4 करोड़ टन क्षमता की रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल संयंत्र स्थापित करने के लिए इस साल दिसंबर तक अंतिम फैसला ले लेगा।
टोटल एशिया-पैसिफिक के वरिष्ठ उपाध्यक्ष थियरी फ्लिमलिम ने बताया, ‘इस परियोजना के लिए पूर्व संभाव्यता अध्ययन किया जा रहा है। इस साल के अंत से पहले हम इसकी रूपरेखा तैयार कर लेंगे।’ 1.5 करोड़ टन क्षमता की रिफाइनरी और 10 लाख टन क्षमता वाले पेट्रोकेमिकल संयंत्र की स्थापना के लिए पांचों कंपनियों ने पिछले साल अक्टूबर में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस रिफाइनरी की संभावित क्षमता को घटा कर अब 1.4 करोड़ टन किया जाएगा। इस परियोजना के 4-5 वर्षों में पूरा हो जाने की संभावना है।
एचपीसीएल विशाखापत्तनम में पहले से ही 75 लाख टन क्षमता वाला रिफाइनरी चलाती है। कंपनी की इसकी क्षमता बढ़ा कर 1.5 करोड़ टन करने की भी योजना है। कंपनी एलएन मित्तल की कंपनी मित्तल इन्वेस्टमेंट्स के साथ मिलकर पंजाब के बठिंडा में भी 90 लाख टन क्षमता की एक रिफाइनरी स्थापित कर रही है। फ्लिमलिम ने कहा है कि पूर्व-संभाव्यता अध्ययन बगैर आय कर छूट को ध्यान में रख कर किया जाएगा। वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने इस साल के शुरू में कहा था कि जो रिफाइनरियां 31 मार्च 2012 के बाद अपना परिचालन शुरू करेंगी वे सात-वर्षीय आय कर छूट की हकदार नहीं होंगी।