रियल एस्टेट जगत के दो बड़े नाम – अभिषेक लोढ़ा की Macrotech Developers और उनके छोटे भाई अभिनंदन लोढ़ा की House of Abhinandan Lodha (HoABL) – के बीच लंबे समय से चल रहा ब्रांड नाम का विवाद अब खत्म हो गया है। दोनों भाइयों ने अपने माता-पिता के मार्गदर्शन और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस आर.वी. रवींद्रन की मदद से आपसी सहमति से यह विवाद सुलझा लिया।
किसके पास कौन-सा ब्रांड?
दोनों पक्षों ने यह साफ कर दिया है कि ‘लोढ़ा’ और ‘लोढ़ा ग्रुप’ नाम का इस्तेमाल करने का हक सिर्फ Macrotech Developers के पास रहेगा। वहीं ‘House of Abhinandan Lodha’ या ‘HoABL’ नाम पर सिर्फ अभिनंदन लोढ़ा का अधिकार रहेगा। दोनों कंपनियों का आपस में कोई संबंध नहीं है और वे यह बात सार्वजनिक तौर पर स्पष्ट करेंगी।
समझौते में यह भी तय हुआ है कि अभिनंदन का Macrotech Developers या अभिषेक की दूसरी कंपनियों पर कोई अधिकार या दावा नहीं रहेगा। इसी तरह अभिषेक का भी HoABL या अभिनंदन की कंपनियों पर कोई हक नहीं होगा।
कोर्ट के सुझाव पर सुलह
यह विवाद जनवरी 2025 में शुरू हुआ था जब Macrotech Developers ने बॉम्बे हाईकोर्ट में HoABL के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। आरोप था कि HoABL ‘लोढ़ा’ और ‘लोढ़ा ग्रुप’ नाम का इस्तेमाल कर रही है, जिससे लोगों में भ्रम पैदा हो रहा है। कंपनी ने 5,000 करोड़ रुपये की हर्जाने की मांग की थी।
इसके बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों को आपसी बातचीत से मामला सुलझाने की सलाह दी और जस्टिस रवींद्रन को मध्यस्थ नियुक्त किया गया। दोनों पक्ष इस पर राज़ी हो गए थे।
अप्रैल में फिर गरमा गया था मामला
हालांकि अप्रैल की शुरुआत में मामला फिर से तूल पकड़ने लगा था। Macrotech Developers ने आरोप लगाया था कि HoABL की कुछ इकाइयों ने फर्जी बोर्ड रेजोल्यूशन का सहारा लेकर ‘लोढ़ा’ ब्रांड के इस्तेमाल की मंजूरी दिखाई और उसे सरकारी विभागों में दाखिल किया। इस पर HoABL ने सभी आरोपों से इनकार किया और अज्ञात लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। कंपनी ने कहा कि उनके द्वारा किसी भी तरह की धोखाधड़ी या जालसाजी नहीं की गई है।
अब सब कुछ सुलझ गया
इन सभी आरोप-प्रत्यारोप के बाद अब दोनों कंपनियों ने पुष्टि की है कि उनके बीच सभी विवाद खत्म हो गए हैं। उन्होंने सभी कानूनी प्रक्रिया को शांतिपूर्वक और आपसी समझदारी से निपटाया है। दोनों पक्षों ने विशेष रूप से जस्टिस आरवी रवींद्रन और बॉम्बे हाईकोर्ट के जज अरिफ डॉक्टर का धन्यवाद दिया, जिन्होंने इस मामले को मध्यस्थता के ज़रिये सुलझाने में मदद की। साथ ही, परिवार के बुजुर्गों और शुभचिंतकों का भी आभार जताया, जिनके सहयोग से समाधान संभव हो पाया।
दोनों कंपनियों ने कहा है कि अब इस मामले पर आगे कोई बयान नहीं दिया जाएगा।