देश की दिग्गज इंजीनियरिंग कंपनी लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी)ने अपनी इंजीनियरिंग कंस्ट्रक्शन ऐंड कॉन्ट्रैक्ट्स (ईसीसी) प्रभाग के कार्यों को पुनर्गठित करने की प्रक्रिया 1 जुलाई से शुरू कर दी है और यह संभावना जताई जा रही है कि अगले दो से तीन वर्षों के समय में यह चार अलग-अलग इकाइयों में विभाजित हो जाएगा।
एलऐंडटी की ईसीसी के कार्यकारी उपाध्यक्ष (कॉरपोरेट) जे. गांगुली ने बताया कि ईसीसी चार इकाइयों में विभाजित हो सकता है। ये चार इकाइयां हैं – बिल्डिंग ऐंड फैक्टरीज प्रभाग, बुनियादी ढांचागत निर्माण, पावर ट्रांसमिशन ऐंड डिस्ट्रीब्यूशन और मेटालर्जिकल से संबद्ध सामग्रियों का संचालन और पानी। गांगुली ने कहा कि हम प्रभागों के पूरी तरह से अलग होने से पहले ईसीसी का संयुक्त राजस्व 20,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य तक पहुंच जाने का इंतजार कर रहे हैं।
गांगुली ने कहा कि ईसीसी का राजस्व पिछले दो वर्षों में दोगुना हो गया है। वित्तीय वर्ष 2008 में यह 13,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था। 2006-07 में इसने 9500 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड कारोबार किया और एलऐंडटी चालू वित्त वर्ष के अंत तक 18,000 करोड़ रुपये के कारोबार करना चाहती है। पुनर्गठन प्रक्रिया इस वर्ष के अंदर पूरी हो जाने की संभावना है। एलऐंडटी चाहती है कि प्रत्येक इकाई अलग कंपनी बनने से पहले औसत रूप से तकरीबन 5,000 करोड़ रुपये या इससे अधिक का कारोबार दर्ज करें।
गांगुली के मुताबिक इन सभी सहयोगी कंपनियों की होल्डिंग कंपनी शुरू में ईसीसी होगी और बाद में एलऐंडटी चारों सहयोगी कंपनियों की होल्डिंग कंपनी बन सकती है। उन्होंने कहा कि तब ये इकाइयां एलऐंडटी इन्फ्रास्ट्रक्चर, एलऐंडटी पावर ट्रांसमिशन और इसी तरह अन्य दो इकाइयां भी एलऐंडटी के नाम से जानी जाएंगी। फिलहाल ईसीसी डिवीजन एलऐंडटी के राजस्व में तकरीबन 50 फीसदी का योगदान करती है। इस डिवीजन ने करीबन 64 वर्ष पहले एलऐंडटी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहयोगी कंपनी के रूप में कामकाज शुरू किया था।