ट्रैक्टर और स्पोर्टस यूटिलिटी व्हीकल बनाने वाली देश की दिग्गज कंपनी महिंद्रा ऐंड महिंद्रा जब दोपहिया वाहनों के बाजार में उतरेगी, तो ग्रामीण बाजार की संभावनाओं से फायदा लेकर वह अपने ब्रांड को भी चमका सकती है।
जानकारों के मुताबिक कंपनी का ब्रांड जरूर मजबूत होगा। हालांकि साल 2004 में ही कंपनी के चेयरमैन केशव महिंद्रा ने इस बारे में संकेत दे दिए थे। उन्होंने कहा था कि कंपनी ने दोपहिया वाहनों के कुछ मॉडल का परीक्षण शुरू किया है। लेकिन कंपनी इस क्षेत्र में कदम अभी रखने जा रही है।
कंपनी के वाइस चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कहा, ‘बिक्री के सबसे नीचे स्तर के बाजार में आने से लोगों के बीच कंपनी की ब्रांड को ज्यादा पहचान मिलेगी। साथ ही शहरी बाजार में भी ग्राहकों का एक नया समूह मिलेगा।’ हाल ही में महिंद्रा ऐंड महिंद्रा ने 110 करोड़ रुपये में पुणे स्थित काइनेटिक स्कूटर्स ऐंड मोटरसाइकिल्स का अधिग्रहण किया था। इसका नाम बदलकर कंपनी ने महिंद्रा काइनेटिक स्कूटर्स ऐंड मोटरसाइकिल्स प्राइवेट लिमिटड रखा है।
आईडीएफसी एसएसकेआई के एक विश्लेषक एस रामनाथ ने कहा, ‘इसे महिंद्रा ऐंड महिंद्रा जैसी बड़ी कंपनी की रणनीति के हिसाब से यह एक अच्छा कदम हो सकता है। क्योंकि 2,000 करोड़ रुपये के सालाना कारोबार वाली कंपनी के लिए 110 करोड़ रुपये का निवेश कर नए क्षेत्र में प्रवेश करना कोई बड़ी बात नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘महिंद्रा ऐंड महिंद्रा ने तिपहिया वाहनों का कारोबार शुरू करने के लिए 75-100 करोड़ रुपये का ही निवेश किया था जो अब कई गुना विकास कर चुका है।
निर्माण क्षेत्र में आनंद महिंद्रा की विशेषज्ञता को देखते हुए लगता है कि दोपहिया वाहनों का कारोबार भी कंपनी के लिए अच्छा ही साबित होगा। महिंद्रा के इस क्षेत्र में आने से इस बाजार के पुराने खिलाड़ियों की कमाई पर भी कोई असर नहीं पड़ने वाला है।’
दोपहिया वाहन बनाने वाली एक दिग्गज कंपनी के अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, ‘इस कदम से पता चलता है कि अभी भी भारतीय दोपहिया वाहनों के बाजार में विकास की काफी संभावनाएं है। इससे बाजार में मुकाबला और कड़ा होगा और कंपनियों को मुकाबले में रहने के लिए एक दूसरे से बेहतर उत्पाद बाजार में पेश करने होंगे। हालांकि काइनेटिक के पास बाजार के हिसाब से दोपहिया वाहन बनाने की तकनीक नहीं है। महिंद्रा को ऐसी तकनीक विकसित करने में वक्त लगेगा।’