घरेलू सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) बाजार के सबसे बड़े सौदे में माइंडट्री कंसल्टिंग ने एजटेकसॉफ्ट को खरीदने की तैयारी कर ली है।
माइंडट्री आउटसोर्सिंग उत्पाद विकसित करने वाली मझले दर्जे की इस कंपनी का अधिग्रहण तकरीबन 400 करोड़ रुपये में कर ने की योजना बना रही है। दोनों कंपनियां बेंगलूर की हैं।
सूत्रों के मुताबिक इस सौदे को दो दिन के भीतर अमली जामा पहना दिया जाएगा। हालांकि दोनों कंपनियों के प्रवक्ताओं ने संपर्क किए जाने पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। बहरहाल, इस सौदे में यस बैंक बैंकर की भूमिका निभा रहा है।
माइंडट्री प्राइवेट इक्विटी ई4ई और कनान पार्टनर्स से एजटेकसॉफ्ट की 34 फीसद हिस्सेदारी खरीदेगी। इसके बाद वह खुले बाजार में कंपनी के अधिग्रहण की पेशकश कर देगी। फिलहाल एजटेकसॉफ्ट के 42.67 फीसद शेयर गैर संस्थागत हाथों में हैं। इसमें संस्थागत हिस्सेदारी 17.5 फीसद है। कंपनी के प्रमोटरों के पास इसके 36.21 फीसद शेयर हैं।
माना जा रहा है कि इस अधिग्रहण के साथ ही भारत में मझले दर्जे की आईटी कंपनियों के विलय का सिलसिला शुरू हो जाएगा। वैसे भी रुपये की मजबूती, अमेरिकी मंजूरी और आईटी खर्चे में कमी की मार ये कंपनियां काफी समय से सह रही हैं और उसका खामियाजा भी भुगत रही हैं।
माइंडट्री का आकार इस अधिग्रहण के बाद बहुत बढ़ जाएगा। दोनों कंपनियों के बीच काफी समानताएं हैं और माइंडट्री को इस सौदे से कारोबारी बढ़त भी मिलेगी।एजटेकसॉफ्ट के पास 2,200 से ज्यादा कर्मचारी हैं और वह मुख्य तौर पर उत्तर अमेरिकी, यूरोपीय, भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई बाजार में कारोबार करती है। भारत में उसके 4 आपूर्ति केंद्र हैं। जानकारों के मुताबिक माइंडट्री के लिए यह सौदा बहुत मुफीद है क्योंकि कंपनी जल्द ही 4,000 करोड़ रुपये की कंपनी बनना चाहती है।
माइंडट्री अभी 1,100 अरब रुपये की कंपनी है और इस सौदे से उसके ग्राहकों की तादाद काफी बढ़ जाएगी। दोनों कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों का भी एक दूसरे के साथ बेहतर तालमेल है, जिसका फायदा कारोबार करने में होगा। वैसे भी माइंडट्री आईटी के मोर्चे पर अच्छी है, तो एजटेकसॉफ्ट को आउटसोर्सिंग उत्पाद विकसित करने में महारत हासिल है।