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अल्पांश शेयरधारकों ने 5 कंपनियों के 9 प्रस्तावों के खिलाफ वोट किया

रिपोर्ट बताती है कि कंपनी में कार्यकारी निदेशक के वेतन में वृद्धि पिछले पांच साल में कंपनी द्वारा अर्जित शुद्ध लाभ व राजस्व के मुताबिक नहीं रही।

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खुशबू तिवारी   
Last Updated- October 02, 2023 | 11:19 PM IST

अल्पांश शेयरधारकों ने वोटिंग सलाहकार फर्मों की सलाह मानते हुए पिछले 10 दिनों में पांच कंपनियों के नौ प्रस्तावों के खिलाफ मतदान किया है। ये प्रस्ताव अहम अधिकारियों की वेतन बढ़ोतरी, संबंधित पक्षकार के लेनदेन और निदेशकों की दोबारा नियुक्ति से संबंधित थे। एग्रो फर्म केआरबीएल, होटल शृंखला लेमन ट्री व रॉयल ऑर्किड और पोल्ट्री फर्म वेंकी जैसी कंपनियों ने शेयरधारकों को असंतोष का सामना किया।

केआरबीएल की तरफ से पेश पांच प्रस्तावों में प्रबंध निदेशक व चेयरपर्सन, तीन संयुक्त प्रबंध निदेशकों और एक पूर्णकालिक निदेशक की वेतन बढ़ोतरी का प्रस्ताव शामिल है।

प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्म स्टेकहोल्डर्स एम्पावरमेंट सर्विसेज (एसईएस) ने एक रिपोर्ट में कहा, प्रस्ताव इसलिए ठुकराए गए क्योंकि शेयरधारकों को लगा कि प्रस्तावित वेतन बढ़ोतरी ज्यादा है। वित्त वर्ष 2023 में केआरबीएल के चेयरमैन ने 2.16 करोड़ रुपये वेतन के तौर पर लिये।

रिपोर्ट बताती है कि कंपनी में कार्यकारी निदेशक के वेतन में वृद्धि पिछले पांच साल में कंपनी द्वारा अर्जित शुद्ध लाभ व राजस्व के मुताबिक नहीं रही। एसईएस ने वेतन भुगतान में वेरिएबल जोड़ने और उसका जुड़ाव प्रदर्शन के साथ करने की वकालत की है।

इसी तरह वेंकी की तरफ से गैर-कार्यकारी निदेशकों को लाभ का एक फीसदी कमीशन देने का प्रस्ताव निवेशकों की तरफसे ठुकराया गया और 96 फीसदी संस्थागत निवेशकों ने इस प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया।

लेमन ट्री की तरफ से अरिंदम कुमार भट्टाचार्य को दोबारा स्वतंत्र निदेशक नियुक्त किए जाने के प्रस्ताव को ठुकराया गया क्योंकि उनके पास फेस वैल्यू के हिसाब से 69 लाख रुपये के शेयर हैं।

एसईएस ने भट्टाचार्य की दोबारा नियुक्ति के खिलाफ मतदान की सिफारिश की थी क्योंकि 50 लाख रुपये की फेस वैल्यू से ज्यादा शेयर होने पर स्वतंत्र निदेशकों की आजादी प्रभावित हो सकती है। पिछले साल भी होटल शृंखला का दो स्वतंत्र निदेशकों की दोबारा नियुक्ति वाले प्रस्ताव को शेयरधारकों के असंतोष का सामना करना पड़ा था।

25 सितंबर को आयोजित कंपनी की एजीएम में रॉयल ऑर्किड ने प्रवर्तक कंपनी से ली गई 10.06 करोड़ रुपये की उधारी की अवधि का विस्तार दो साल करने की मंजूरी मांगी थी और वह भी 14 फीसदी सालाना ब्याज पर। वोट देने वाले कुल शेयरधारकों के 77 फीसदी ने और 100 फीसदी संस्थागत निवेशकों इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया।

इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर एडवाइजरी सर्विसेज (प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्म आईआईएएस) ने 22 सितंबर 2023 से लेकर सात दिन के 929 प्रस्तावों का विश्लेषण किया, जिस पर उसने अपनी सिफारिश दी थी।

फर्म ने कहा, इन नौ प्रस्तावों के अलावा 78 अन्य प्रस्तावों के खिलाफ मतदान हुआ, जहां 50 फीसदी से ज्यादा संस्थागत निवेशकों ने मतदान किया। इसके उलट 794 प्रस्तावों के पक्ष में 50 फीसदी से ज्यादा संस्थागत निवेशकों ने मतदान किया, 435 प्रस्तावों के हक में 100 फीसदी वोट पड़े। संस्थागत निवेशकों की वोटिंग का औसत 81.32 फीसदी रहा।

दो निदेशकों की नियुक्ति से संबंधित पेट्रोनेट एलएनजी के दो प्रस्ताव पारित हो गए लेकिन उसे आम शेयरधारकों के असंतोष का सामना करना पड़ा। सार्वजनिक संस्थानों की तरफ से पंकज जैन की दोबारा नियुक्ति के खिलाफ 71 फीसदी वोट पड़े जबकि श्रीकांत वैद्य की दोबारा नियुक्ति के खिलाफ करीब 83 फीसदी वोट पड़े।

एसईएस ने दोनों प्रस्तावों के खिलाफ मतदान की सिफारिश की थी क्योंकि सरकार समर्थित एलएनजी के बोर्ड में स्वतंत्र निदेशकों की पर्याप्त संख्या नहीं है। पेट्रोनेट एलएनजी के 14 सदस्यीय बोर्ड में सिर्फ पांच स्वतंत्र निदेशक हैं। एसईएस ने एक नोट में कहा, प्रस्तावित नियुक्तियों के प्रोफाइल व गुण को लेकर किसी तरह की चिंता की पहचान नहीं हुई।

First Published : October 2, 2023 | 11:02 PM IST